गूगल (Google) की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) और फेसबुक की (Meta Platforms) दुनिया की ऐसी कंपनियां हैं जिनके मध्यम स्तर के कर्मचारी (median workers) हर साल करोड़पति बन जाते हैं। इन कर्मचारियों को सालाना लगभग 3 लाख डॉलर (2.33 करोड़ रुपये) मिलते हैं। वाल स्ट्रीट जरनल के एक एनालिसिस में ये बातें सामने आई हैं।
150 कंपनियों के औसत कर्मचारियों का वेतन 1 लाख डॉलर से ज्यादा
रिपोर्ट के मुताबिक, बीते साल अर्थव्यवस्था बढ़ने के साथ ज्यादातर एसएंडपी 500 कंपनियों के मध्यम स्तर के कर्मचारियों का वेतन खासा बढ़ा। हालांकि जॉब मार्केट की मुश्किलें बढ़ी हैं। लगभग 150 कंपनियां ऐसी थीं, जिनके मध्यम स्तर के कर्मचारी को 1 लाख डॉलर (77 लाख रुपए) से ज्यादा कमाई होती है।
इस कंपनी ने दिया सबसे कम वेतन
एसएंडपी500 में ऑटो पार्ट्स सप्लायर एप्टिव पीएलसी (Aptiv PLC) अपने मध्यम स्तर के कर्मचारी को सबसे कम वेतन देने वाली कंपनी है, जिसने मेक्सिको में अपने फुल टाइम फैक्ट्री वर्कर को बीते साल 7,500 डॉलर दिए। एप्टिव उन 44 कंपनियों में शामिल है, जिन्होंने अपने मध्यम स्तर के कर्मचारियों को 33,000 डॉलर से कम वेतन दिया।
ऐपल ने सबसे ज्यादा बढ़ाया वेतन
इसके अलावा, ऐपल ने बीते साल अपने कर्माचारियों का वेतन 18 फीसदी बढ़ाया, जो इंडेक्स में शामिल कंपनियों में सबसे ज्यादा है।
यह डाटा MyLogIQ LLC ने संकलित किया है। वाल स्ट्रीट जनरल द्वारा इस डाटा के एनालिसिस के मुताबिक, बीते साल 453 कंपनियों में से 278 की मीडियन पे में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
गूगल ने चार सीनियर एग्जीक्यूटिव्स का सबसे ज्यादा बढ़ाया वेतन
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल गूगल ने अपने चार सबसे ज्यादा सीनियर एग्जीक्यूटिव्स के वेतन में भारी बढ़ोतरी की, जिससे उनका वेतन 6.50 लाख डॉलर से बढ़कर 10 लाख डॉलर हो गया।
रिपोर्ट कहती है कि शीर्ष अधिकारियों के वेतन में तब बढ़ोतरी हुई, जब गूगल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि टेक कंपनी महंगाई को देखते हुए अपने सभी कर्मचारियों के वेतन में बदलाव नहीं करेगी।