पूर्वी अफ्रीकी देश युगांडा (police constable in Uganda) की राजधानी कंपाला (Kampala) में एक पुलिस कांस्टेबल ने 21 लाख शिलिंग (46,000 रुपये) के कर्ज को लेकर चोरी की AK-47 राइफल से 39 वर्षीय भारतीय बैंकर की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के वक्त आरोपी कांस्टेबल ड्यूटी पर नहीं था। कंपाला मेट्रोपोलिटन पुलिस ने कहा कि 30 वर्षीय इवान वाबवायर (Ivan Wabwire) को 12 मई को उत्तम भंडारी (Uttam Bhandari) पर गोली चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस घटना की रोंगटे खड़े कर देने वाली फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
कंपाला के अखबार ‘डेली मॉनिटर’ की खबर के अनुसार, घटनास्थल से मिले वीडियो फुटेज में यह नजर आ रहा है कि वाबवायर ने किस तरह से भंडारी पर बेहद करीब से कई बार गोलियां चलाईं। समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि पुलिस के मुताबिक, भंडारी टीएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज के डायरेक्टर थे और वाबवायर उनके क्लाइंट थे।
खबरों के अनुसार, कांस्टेबल ने कंपनी से जो राशि उधार ली थी उसे लेकर दोनों के बीच गलतफहमी थी। जब वाबवायर को 12 मई को उसके कर्ज की राशि के बारे में बताया गया तो उसने कथित रूप से भंडारी से झगड़ा करना शुरू कर दिया और दावा किया कि राशि को बढ़ाकर बताया गया है।
कंपाला मेट्रोपोलिटन पुलिस के प्रवक्ता पैट्रिक ओनयांगो ने ‘डेली मॉनिटर’ को बताया कि भंडारी को गोली मारने के बाद वाबवायर अपनी AK-47 राइफल वहीं छोड़कर भाग गया। पुलिस ने घटना स्थल से 13 गोलियां बरामद की हैं।
पुलिस ने बताया कि वाबवायर पहले मानसिक रोग से ग्रस्त रहा है और मानसिक स्वास्थ्य के कारण दो बार अस्पताल में भर्ती होने के बाद उस पर पांच साल तक हथियार रखने पर पाबंदी लगाई गई थी। खबरों के अनुसार, वाबवायर को अभी पूर्वी युगांडा में बुसिया थाने में रखा गया है। वाबवायर ने कमरे में साथ रहने वाले अपने साथी पुलिसकर्मी से यह राइफल चुराई थी।
समाचार पोर्टल ‘नील पोस्ट’ की खबर के अनुसार, पुलिस उपमहानिरीक्षक जेफ्री तुमुसिमे कात्सिगाजी ने युगांडा में भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की और उनकी सुरक्षा को लेकर उन्हें आश्वस्त किया। युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने सुरक्षा बलों से जवाब मांगा है कि कैसे किसी ‘ऑफ ड्यूटी’ पुलिसकर्मी को हथियार मिल गया।