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भारतीय छात्र ने किया कमाल, 2500 साल पुरानी संस्कृत व्याकरण की सबसे बड़ी गुत्थी सुलझाई

Rishi Rajpopat: यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के एक भारतीय मूल के P.hd छात्र ऋषिराज ने 2,500 साल पुरानी संस्कृत व्याकरण की एक अनसुलझी गुत्थी सुलझाई है। व्याकरण की एक समस्या 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से संस्कृत के विद्वानों को परेशान कर रही थी। आखिरकार कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में एक भारतीय पीएचडी छात्र ने इसका तोड़ ढूंढ निकाला है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 18, 2022 पर 3:46 PM
भारतीय छात्र ने किया कमाल, 2500 साल पुरानी संस्कृत व्याकरण की सबसे बड़ी गुत्थी सुलझाई
ऋषि राजपोपट मुंबई के रहने वाले हैं। शुरुआत में एक रिटायर्ड प्रोफेसर ने उन्हें पाणिनी की व्याकरण पढ़ाई थी

Rishi Rajpopat: ब्रिटेन की कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (Cambridge University) में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र ने संस्कृत भाषा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। व्याकरण की एक ऐसी समस्या जिसने 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से संस्कृत के विद्वानों को परेशान कर रखा था। सेंट जॉन्स कॉलेज (St John's College) के ऋषि राजपोपट (Dr Rishi Rajpopat) ने "भाषा विज्ञान के पिता" पाणिनि के सिखाए गए एक नियम को डिकोड करके कामयाबी हासिल की है। यह करीब 2500 साल पुरानी पहेली है। पाणिनि (Panini) के संस्कृत व्याकरण की पहेली को उन्होंने सुलझाया है। इस मामले में एक प्रोफेसर ने कहा इससे संस्कृत के अध्ययन में क्रांति आ सकती है।

यह खोज किसी भी संस्कृत शब्द को 'पैदा' करना संभव बनाती है। 'मंत्र' और 'गुरु' सहित व्याकरण के नजरिए से लाखों सही शब्दों का निर्माण इससे हो सकता है। ऋषि एशियाई और मध्य पूर्वी स्टडीज विभाग से संस्कृत अध्ययन में पीएचडी पूरी की है। ऋषिराज पोपट पिछले 9 महीने से लगातार इस सूत्र पर काम कर रहे थे। पाणिनी प्राचीन संस्कृत भाषा के प्रकांड पंडित थे।

जानिए क्या है पहेली में

पाणिनी ने एक सूत्र में स्पष्ट किया था कि जब नियमों में विसंगति हो तब व्याकरण में बाद में आने वाले नियम को प्रभावी माना जाए। इस नियम की सही व्याख्या आसान नहीं थी। ऋषिराज ने इन सूत्रों को अलग तरीके से पारिभाषित किया है। उन्होंने कहा है कि पाणिनी का नियम शब्द के बाईं और दाईं तरफ के हिसाब से लागू होते हैं। पाणिनी का कहना था कि दाईं तरफ से लगने वाले नियम को प्रमाणिक माना जाए। जब पाणिनी के इस सूत्र पर उन्होंने काम किया तो पता चला कि पाणिनी का नियम 'लैंग्वेज मशीन' पर सटीक बैठता है। इसमें कोई अपवाद भी नजर नहीं आता है।

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