Pitra Paksha 2025: पितृ पक्ष की अवधि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। माना जाता है कि इस अवधि में पितृ अपने वंशजों के देखने आते हैं। उनके लिए की गई पूजा से प्रसन्न हो कर वे आशीर्वाद देते हैं और अपने लोक लौट जाते हैं। 15-16 दिनों की ये अवधि हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से शुरू होती है और आश्विन मास की अमावस्या पर सर्व पितृ विसर्जन के साथ समाप्त होती है। इस साल पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू हो रहे हैं और 21 सितंबर को खत्म होंगे। इस बार पितृपक्ष के साथ ही पूर्ण चंद्र ग्रहण भी लगेगा। वहीं इसके समापन पर सूर्य ग्रहण होगा। ज्योतिषीय दृष्टि से यह संयोग अत्यंत दुर्लभ है, क्योंकि ऐसा योग पूरे 122 साल बाद बन रहा है। यही कारण है कि इस बार का पितृपक्ष विशेष महत्व रखता है।