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'प्लीज हमारी मदद करें...': पनामा के होटल में कैद हैं भारतीय समेत 300 प्रवासी! अमेरिका से निर्वासित लोगों ने खिड़कियों से लगाई मदद की गुहार

US Deports Migrants: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर की गई कार्रवाई के तहत अमेरिका से निकाले गए भारतीयों सहित लगभग 300 अवैध अप्रवासी वर्तमान में पनामा के एक होटल में हिरासत में हैं। अधिकारी उन्हें स्वदेश वापस भेजने के लिए प्रयास कर रहे हैं। होटल में कैद लोगों ने मदद की गुहार लगाई है

अपडेटेड Feb 20, 2025 पर 3:20 PM
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US Deports Migrants: अमेरिका से निर्वासित एक भारतीय समूह के सुरक्षित रूप से पनामा पहुंचने की जानकारी पनामा सरकार ने भारत को दी है

US Deports Migrants: अवैध अप्रवासियों को अमेरिका की तरफ निकाले जाने के बाद अपने देश वापस भेजे जाने का इंतजार कर रहे भारतीयों सहित लगभग 300 लोगों को पनामा के एक होटल में हिरासत में रखा गया है। एसोसिएटेड प्रेस (AP) की रिपोर्ट के अनुसार, हिरासत में लिए गए प्रवासी कथित तौर पर भारत, नेपाल, श्रीलंका, ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन सहित 10 एशियाई देशों से हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिरासत में लिए गए लोगों पर पुलिस की निगरानी है। उन्हें होटल से बाहर जाने से रोक दिया गया है। पनामा सरकार उनके स्वदेश लौटने की व्यवस्था करने के लिए अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों से बात कर रही है।

AP की रिपोर्ट के अनुसार, होटल में मौजूद कुछ प्रवासियों ने अपनी खिड़कियों से "प्लीज हमारी मदद करें" और "हम अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं" जैसे संदेश वाले नोट भी दिखाए। मुख्य रूप से एशियाई देशों से निर्वासित लोग पनामा में अधर में लटके हुए हैं। एपी रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 40 प्रतिशत निर्वासित लोगों ने कहा है कि वे स्वेच्छा से अपने मूल देशों में वापस नहीं लौटेंगे। इससे यह सवाल उठता है कि उन्हें होटल में कितने समय तक हिरासत में रखा जाएगा।

पनामा सरकार ने भारत को दी जानकारी


पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका से निर्वासित एक भारतीय समूह के सुरक्षित रूप से पनामा पहुंचने की जानकारी पनामा सरकार ने भारत को दी है। पनामा में मौजूद 'भारतीय मिशन' स्थानीय सरकार के साथ मिलकर निर्वासितों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है। पनामा, कोस्टा रिका और निकारागुआ में स्थित भारतीय दूतावास ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह जानकारी साझा की। हालांकि, इसमें पनामा पहुंचे भारतीयों की संख्या का उल्लेख नहीं किया गया।

यह समूह उन 299 अप्रवासी लोगों का हिस्सा है जिन्हें अमेरिकी सरकार द्वारा पनामा भेजा गया है। राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो की सहमति के बाद भारतीय निर्वासित तीन उड़ानों से पनामा पहुंचे थे। मुलिनो ने इस बात पर सहमति जताई थी कि निर्वासितों के लिए पनामा पुल की भूमिका निभाएगा। ट्रंप प्रशासन ने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले लाखों लोगों को निर्वासित करने की योजना बनाई है।

पनामा, निकारागुआ और कोस्टा रिका में भारतीय दूतावास ने X पर पोस्ट किया, "पनामा के अधिकारियों ने हमें सूचित किया है कि अमेरिका से भारतीय नागरिकों का एक समूह पनामा पहुंचा हैं।" पोस्ट में कहा गया, "वे सुरक्षित हैं और सभी आवश्यक सुविधाओं से युक्त एक होटल में ठहराए गए हैं। हम पनामा सरकार के साथ मिलकर उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रहे हैं।"

अमेरिका से 332 भारतीयों को वापस भेजा

इससे पहले, अमेरिका से तीन जत्थों में कुल 332 भारतीयों को भारत भेजा जा चुका है। ट्रंप प्रशासन की अवैध अप्रवासियों पर बढ़ती कार्रवाई के बीच यह निर्वासन हुआ है। पनामा आए कुल 299 अवैध अप्रवासियों में से सिर्फ 171 लोगों ने अपने मूल देशों में लौटने की सहमति दी है। जिन 98 निर्वासितों ने अपने देशों में वापस जाने से इनकार कर दिया था, उन्हें पनामा के डेरियन प्रांत के एक शिविर में भेज दिया गया है। कोस्टा रिका दूसरा देश है जो अमेरिका में अवैध अप्रवासियों को वापस लाने के लिए "पुल" के रूप में काम करने के लिए सहमत हुआ है।

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Akhilesh

Akhilesh

First Published: Feb 20, 2025 3:15 PM

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