रूस और यूक्रेन की लड़ाई (Russia-Ukraine War) शुरू हुए पांच महीने पूरे होने जा रहे हैं। इसके खत्म होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। दुनिया यूक्रेन की तबाही को बेबस नजरों से देख रही हैं। यूक्रेन के लाखों लोग अपना घर-बार छोड़कर यूरोपीय देशों में शरणार्थी की जिंदगी जी रहे हैं। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर यह युद्ध खत्म क्यों नहीं हो रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के बयान से इस सवाल का कुछ हद तक जवाब मिला है। हालांकि, अभी यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskiy) की प्रतिक्रिया इस पर नहीं आई है।
पुतिन ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन इस लड़ाई को खत्म नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि मार्च में दोनों देशों के बीच लड़ाई खत्म करने के लिए एक शांति समझौता हो गया था। लेकिन, इसकी शर्तें पूरी करने में यूक्रेन ने कभी दिलचस्पी नहीं दिखाई। पुतिन का यह बयान चौंकाने वाला है।
रूसी राष्ट्रपति ईरान के दौरे के बाद टेलीविजन पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और यूएई ने इस लड़ाई को खत्म करने के लिए रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी। पुतिन के इस आरोप पर अभी यूक्रेन सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
पत्रकारों ने पुतिन से पूछा कि क्या उनका जेलेंस्की से मुलाकात का कोई प्लान है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने मार्च में जो व्यावहारिक शांति समझौता हुआ था, उसकी शर्तों को पूरा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि अंतिम रिजल्ट... समझौते से जुड़े पक्षों पर निर्भर करता है, जिस पर सहमति बन चुकी थी। उन्होंने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि यूक्रेन की ऐसी कोई इच्छा नहीं है।
बताया जाता है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के एक महीने बाद दोनों देशों के बीच इस लड़ाई को खत्म करने को लेकर बातचीत हुई थी। दोनों ने अपने-अपने प्रस्ताव पेश किए थे। लेकिन, यह बातचीत बेनतीजा रही थी। तब जेलेंस्की ने कहा था कि बातचीत के सिर्फ ठोस नतीजों पर भरोसा किया जा सकता है।
पुतिन ने मंगलवार को तेहरान में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से मुलाकात की। इसे दोनों देशों के बीच गहराते रिश्ते के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। दोनों ही देशों पर अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगा रखा है। ईरान की यात्रा के दौरान पुतिन ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से भी मुलाकात की। इसमें ब्लैक सी के रास्ते यूक्रेन से अनाजों का एक्सपोर्ट फिर से शुरू करने पर चर्चा हुई। अभी रूस ने इस रास्ते को बंद कर दिया है।
पुतिन ने कहा कि वह ब्लैक सी के रास्ते यूक्रेन से अनाजों के निर्यात के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए रूसी निर्यात पर लगे प्रतिबंध भी हटाए जाने चाहिए। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद किसी नाटो देश के प्रमुख के साथ पुतिन की यह पहली मुलाकात थी। पुतिन यह संकेत भी पश्चिमी देशों को देना चाहते हैं कि ईरान, चीन और इंडिया के साथ करीबी रणनीतिक संबंध बनाकर वह रूस पर लगाए गए पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के असर को कम कर सकते हैं।