पाकिस्तान (Pakistan) की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान (Imran Khan) और उनकी पत्नी बुशरा बीबी (Bushra Bibi) को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में बुधवार को 14 साल जेल की सजा सुनाई। एक दिन पहले ही मंगलवार को गोपनीयता उल्लंघन मामले में एक विशेष अदालत ने 71 वर्षीय खान को 10 साल जेल की सजा सुनाई थी। नई सजा सुनाए जाने से 8 फरवरी के आम चुनाव से सत्ता में लौटने की उनकी कोशिश को एक और झटका लगा है।
जवाबदेही अदालत के जज मोहम्मद बशीर ने तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में रावलपिंडी की अदियाला जेल में सुनवाई की। इसी जेल में पूर्व प्रधानमंत्री एक अन्य मामले में सजा काट रहे हैं। अदालत ने अपने फैसले में दोनों पर 10 साल तक किसी भी सरकारी पद पर रहने से प्रतिबंध लगाया है। साथ ही प्रत्येक पर 78.70-78.70 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। हालांकि, बुशरा बीबी बुधवार को अदालत में पेश नहीं हुईं।
तोशखाना मामला 2022 में पाकिस्तान के चुनाव आयोग के साथ सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों द्वारा दायर किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इमरान खान ने चुनाव निकाय को गिफ्ट की बिक्री का मनगढ़ंत डिटेल्स पेश किया था। पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने पहले उन्हें अयोग्य ठहराया और फिर एक सत्र अदालत में आपराधिक कार्यवाही का मामला दायर किया, जिसने उन्हें दोषी ठहराया और बाद में खान को जेल भेज दिया गया।
मामले में आरोप लगाया गया है कि खान ने 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तोशाखाना (एक भंडार जहां विदेशी अधिकारियों द्वारा सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहार रखे जाते हैं) से अपने पास रखे गए उपहारों का डिटेल्स "जानबूझकर छुपाया" था। तोशखाना नियमों के अनुसार, जिन व्यक्तियों पर ये नियम लागू होते हैं, उन्हें प्राप्त उपहार और अन्य ऐसी सामग्री कैबिनेट डिवीजन को सूचित की जाएगी।
कथित तौर पर खान को अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान विश्व नेताओं से 140 मिलियन रुपये से अधिक के 58 गिफ्ट मिले और उन सभी को या तो नगण्य राशि का भुगतान करके या बिना किसी भुगतान के भी अपने पास रखा।
5 अगस्त, 2023 को पुलिस ने इमरान खान को लाहौर में गिरफ्तार कर लिया। एक जिला अदालत ने उन्हें अवैध रूप से देश को मिले गिफ्ट बेचने के लिए तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी। संभावित रूप से विपक्षी नेता को आगामी चुनाव लड़ने से रोक दिया। पाकिस्तान के हाई कोर्ट द्वारा जिला अदालत में सुनवाई को अस्थायी रूप से रोकने के एक दिन बाद खान को दोषी ठहराया गया। हालांकि, जिला अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले के बावजूद मुकदमा आगे बढ़ाया है।