Rishi Sunak पिछले दो महीने में ब्रिटेन का पीएम बनने वाले तीसरे व्यक्ति हैं। मंगलवार (25 अक्टूबर) को उन्होंने ब्रिटेन को गंभीर आर्थिक संकट से बाहर निकालने और राजनीति में लोगों का भरोसा बहाल करने का वादा किया। उन्होंने तुरंत Jeremy Hunt को फाइनेंस मिनिस्टर नियुक्त कर दिया। इससे बिजनेस और इंडस्ट्री की चिंता दूर हुई होगी, जो कर्ज बढ़ाने वाली लिज ट्रस की इकोनॉमिक पॉलिसी से डरी हुई थी।
सुनक ने कहा कि वह देश को एकजुट करेंगे। उम्मीद है कि उनकी कैबिनेट में पार्टी के हर धड़े के प्रतिनिधि शामिल होंगे। वह पार्टी के अंदर की खींचतान दूर करने और उन पॉलिसी में बदलाव करने की कोशिश करेंगे, जिसने इनवेस्टर्स और विदेशी सहयोगियों को डरा दिया था।
अपने ऑफिशियल रेजिडेंस डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर सुनक ने इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने की अपनी पूर्ववर्ती लिज ट्रस की महत्वाकांक्षा की तारीफ की। लेकिन, उन्होंने यह माना कि गलतियां हुई हैं। उन्होंने कहा, "मुझे गलतियों को ठीक करने के लिए पार्टी का नेता और आपका प्रधानमंत्री चुना गया है।"
नए प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं अच्छी तरह से समझता हूं कि जो कुछ हुआ उसके बाद मुझे भरोसा बहाल करने के लिए काम करना है। मैं सिर्फ यह कह सकता हूं कि मुझे कोई डर नहीं है। मैं जानता हूं कि मैंने किस पद की जिम्मेदारियां लेनी कबूल की है और आशा करता हूं कि मैं उम्मीदें पूरी करूंगा।"
सुनक ने कहा कि आगे कड़े फैसले आएंगे क्योंकि हमें सरकारी खर्च में कमी करनी होगी। हंट नया बजट तैयार कर रहे हैं, जिसमें कर्ज और ग्रोथ को लेकर प्लान होगा। यह सोमवार को आएगा। यह सख्त बजट होगा। सुनक ने Dominic Raab को डिप्टी प्राइम मिनिस्टर के पद पर बहाल किया है। James Cleverly को विदेश मंत्री और Ben Wallace को डिफेंस मंत्री नियुक्त किया है।
सोमवार को सुनक के खिलाफ अपनी उम्मीदवारी वापस लेने वाली Penny Mordaunt को भी हाउस ऑफ कॉमंस का लीडर बनाए रखा गया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि वह विदेश मंत्री बनना चाहती थीं। जिस तरह से सुनक ने मंत्रियों की नियुक्तियां की हैं और कुछ लोगों को उनके पदों पर बनाए रखा है, उससे यह चिंता खत्म हो गई है कि वह सिर्फ अपने वफादार लोगों को अहम पदों पर रखेंगे।
Sunak संसद के सभी अमीर सदस्यों में से एक हैं। उम्मीद है कि वह खर्च में कमी करने के उपाय करेंगे ताकि सरकारी खजाने को हो रहा 45 अरब डॉलर के लॉस को रोका जा सके। इसकी वजह इकोनॉमिक स्लोडाउन, कर्ज की बढ़ती लगात और एनर्जी को सपोर्ट करने वाली स्कीम है।
नए प्रधानमंत्री को सभी तरह के खर्चों पर पुनर्विचार करना होगा। इसमें हेल्थ, एजुकेशन, डिफेंस, वेल्फेयर और पेंशंस शामिल होगी। इकोनॉमिस्ट्स और इनवेस्टर्स ने पीएम के पद पर सुनक की नियुक्ति का स्वागत किया है। हालांकि, उनका मानना है कि सुनक के पास चीजों को ठीक करने के ज्यादा विकल्प नहीं हैं। खासकर ऐसे वक्त जब देश के करोड़ों लोग बढ़ती महंगाई की वजह से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
सुनक ने कोरोना की महामारी के दौरान बतौर फाइनेंस मिनिस्टर अर्थव्यवस्था को डगमगाने से बचाया। हालांकि, उन्होंने कहा है कि अब मुश्किल फैसले लेने होंगे। उन्होंने आम लोगों की जरूरतों को राजनीति से ऊपर रखने का भी वादा किया है। मैनेजमेंट कंसल्टेंट जेम्स इस्टबुक ने कहा, "मेरा मानना है कि सुनक एक सक्षम व्यक्ति हैं। वह ऐसे व्यक्ति हैं, जिसकी अभी हमें जरूरत है।"
गोल्डमैन सैक्स में एनालिस्ट रह चुके सुनक ने 2015 में राजनीति में कदम रखा था। कंजरवेटिव पार्टी में कई नेता उनके खिलाफ हैं। इसकी वजह है कि जुलाई में जिस तरह से उन्होंने वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दिया और बोरिस जॉनसन के खिलाफ विद्रोह में शामिल हुए, वह इन नेताओं को अच्छा नहीं लगा। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि कैसे एक अरबपति व्यक्ति ऐसे वक्त देश का नेतृत्व कर सकता है जब करोड़ों लोग फूड और एनर्जी की बढ़ती कीमतों की वजह से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।