'आतंकवाद से व्यापार नहीं बढ़ेगा': एस जयशंकर ने SCO बैठक में पाकिस्तान पर साधा निशाना, पढ़ें- संबोधन की बड़ी बातें

SCO Summit 2024: इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) बैठक के दौरान पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर उस देश की आलोचना की। उन्होंने सुझाव दिया कि पाकिस्तान को इस बात पर आत्मचिंतन करना चाहिए कि दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में खटास क्यों आई है

अपडेटेड Oct 16, 2024 पर 1:46 PM
Story continues below Advertisement
SCO Summit 2024: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद से व्यापार को बढ़ावा मिलने की संभावना नहीं है

SCO Summit 2024: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार (16 अक्टूबर) को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए जमकर निशाना साधा। एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद से जुड़ी सीमा पार गतिविधियों से व्यापार, ऊर्जा प्रवाह और संपर्क सुविधा को बढ़ावा मिलने की संभावना नहीं है। इस्लामाबाद में एससीओ सम्मेलन के दौरान जयशंकर ने कहा कि हमारे सामूहिक प्रयास संसाधनों का विस्तार कर सकते हैं और निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित कर सकते हैं। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने पड़ोसी देश को सुझाव दिया कि पाकिस्तान को इस बात पर आत्मचिंतन करना चाहिए कि दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में खटास क्यों आई है।

SCO काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) शिखर सम्मेलन के दौरान जयशंकर ने कहा, "अगर विश्वास की कमी है या सहयोग अपर्याप्त है। अगर दोस्ती कम हो गई है और अच्छे पड़ोसी की भावना कहीं गायब है, तो निश्चित रूप से आत्मनिरीक्षण करने और कारणों को संबोधित करने के कारण हैं।"

पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम लिए बिना विदेश मंत्री ने कहा, "आतंकवाद और उग्रवाद से जुड़ी सीमा पार गतिविधियों से व्यापार, ऊर्जा प्रवाह और संपर्क सुविधा को बढ़ावा मिलने की संभावना नहीं है। यह स्वत: सिद्ध तथ्य है कि विकास और वृद्धि के लिए शांति और स्थिरता अनिवार्य है।" विदेश मंत्री ने कहा कि सहयोग वास्तविक साझेदारी पर आधारित होना चाहिए, न कि एकतरफा एजेंडे पर।


उन्होंने कहा कि सहयोग आपसी सम्मान, संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए; इसे क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए। एससीओ सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने सहयोग के लाभ प्राप्त करने के लिए समूह के चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने आगे कहा कि टेक्नोलॉजी में बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन यह कई चिंताएं भी पैदा करती हैं। इस दौरान जयशंकर ने कहा कि कर्ज गंभीर चिंता का विषय है। इससे विश्व सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में पीछे रह गया है। उन्होंने कहा कि जलवायु की चरम परिस्थितियां, आपूर्ति श्रृंखला संबंधी अनिश्चितताएं, वित्तीय अस्थिरता जैसे विभिन्न प्रकार के व्यवधान विकास को प्रभावित कर रहे हैं।

फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ट्रेनिंग शिविर पर बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए थे। 5 अगस्त, 2019 को भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर की विशेष शक्तियों को वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद संबंध और भी खराब हो गए।

शहबाज शरीफ ने किया जयशंकर का स्वागत

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार (16 अक्टूबर) को इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का स्वागत किया। इससे पहले जयशंकर ने पाकिस्तान स्थित इंडियन हाई कमीशन कैंपस में सुबह की सैर की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान को बढ़ावा देते हुए एक पौधा लगाया। विदेश मंत्री ने एक्स पर लिखा, "पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग की टीम के सहकर्मियों के साथ हमारे हाई कमीशन कैंपस में सुबह की सैर।"

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'कैंपस में अर्जुन का पौधा #प्लांट फॉर मदर के प्रति एक और प्रतिबद्धता। #एक_पेड़_मां_के_नाम' विदेश मंत्री एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) शासनाध्यक्ष परिषद (सीएचजी) की 23वीं बैठक में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद में हैं। आयोजन की शुरुआत मंगलवार शाम को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से दिए गए वेलकम डिनर के साथ हुई।

यह 9 साल में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा है। पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान पर एक सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए 2015 में इस्लामाबाद का दौरा किया था। मंगलवार दोपहर को विदेश मंत्री जयशंकर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर पहुंचा।

एससीओ के अन्य सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व चीन, रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति करेंगे। मंगोलिया के प्रधानमंत्री (पर्यवेक्षक राज्य) और मंत्रिपरिषद के उपाध्यक्ष, तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री (विशेष अतिथि) भी बैठक में भाग ले रहे हैं।

ये भी पढ़ें- Omar Abdullah: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले CM बने उमर अब्दुल्ला, 5 मंत्रियों ने भी ली शपथ, कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं

हालांकि विदेश मंत्री जयशंकर के इस्लामाबाद में केवल 24 घंटे रहने की उम्मीद है और बैठक के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक निर्धारित नहीं है। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान में सत्तारूढ़ सरकार के कई मंत्रियों और विपक्षी नेताओं ने घरेलू राजनीतिक लाभ के लिए उनके आगमन पर ध्यान केंद्रित कर रखा है।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Oct 16, 2024 1:44 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।