भारत में आबादी तेजी से बढ़ रही है। अब तो आबादी के मामले में भारत ने चीन को भी पछाड़ दिया है और टॉप पर जगह बना ली है। ऐसे में सरकार यहां आबादी को नियंत्रण में ले के लिए कई अभियान चला रही है। लेकिन एक देश ऐसा भी है, जो कम आबादी की समस्या से जूझ रहा है। दरअसल, पूर्वी एशियाई देश दक्षिण कोरिया (South Korea) कम जन्म दर (Birth Rate) की समस्या से जूझ रहा है। सरकार ने इसे आपात काल घोषित कर दिया है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार अलग से मंत्रालय बनाने की तैयारी में है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने कहा कि वह निम्न जन्म दर से जुड़े मंत्रालय के गठन के लिए संसद से सहयोग मांगेंगे। योल ने कहा कि कम जन्म दर को ठीक करने के लिए वह देश की सभी क्षमताओं को जुटाएंगे। साउथ कोरियन प्रेसीडेंट योल साल 2022 में पद संभालने के दो साल पूरे होने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी।
बढ़ती महंगाई और आर्थिक हालात के चलते नहीं पैदा कर रहे बच्चे
रिपोर्ट के मुताबिक ये नए मंत्रालय के मंत्री सामाजिक मामलों के उप मंत्री के रूप में काम करेंगे। एक साथ शिक्षा, श्रम और कल्याण नीतियों की निगरानी करेंगे। दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय एजेंसी के आंकड़े के मुताबिक दक्षिण कोरिया में साल 2023 में 229,970 जन्मदर का रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। आंकड़ों के हिसाब से ये रिकॉर्ड 2024 में भी जारी रहेगा। इसकी वजह ये है कि इस साल के पहले महीने जनवरी में कुल 21,442 बच्चों का जन्म हुआ था। कम जन्म दर को लेकर रिपोर्ट बताती है कि यहां के लोग कठिन आर्थिक हालात और बढ़ती महंगाई के कारण बच्चे पैदा नहीं करना चाहते हैं।
अर्थव्यवस्था में करेंगे सुधार
बता दें कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि उनकी सरकार ने पिछले दो सालों में लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में असफल रही है। उन्होंने वादा किया कि बचे तीन साल के कार्यकाल में वह देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाएंगे। इसकेसाथ ही जन्म दर को ठीक करने की कोशिश करेंगे।
दक्षिण कोरिया में प्रजनन दर सबसे कम
दक्षिण कोरिया प्रजनन दर (fertility rate) के मामले में सबसे पीछे है। प्रजनन दर को इस आधार पर तय किया जाता है कि एक महिला के पूरे जीवनकाल में कितने बच्चे पैदा होंगे। दक्षिण कोरिया में साल 2023 में प्रजनन दर औसत 0.72 दर्ज किया गया, जो साल 2022 के मुकाबले 0.78 से भी कम है। दक्षिण कोरिया में लगातार कई सालों से प्रजनन दर में गिरावट देखने को मिली है। बता दें कि किसी भी देश की आबादी को स्थिर बनाए रखने के लिए प्रजनन दर 2.1 होना जरूरी है।