8th Pay Commission: केंद्र सरकार के 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की सैलरी साल 2026 से बढ़ना तय हो गया है। 8वां वेतन आयोग लागू होने से कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर्स की पेंशन भी बढ़ जाएगी। सरकार के आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी देने के साथ ही ज्यादातर कर्मचारी इस पर ज्यादा चर्चा कर रहे हैं कि उनकी सैलरी और पेंशन कितनी बढ़ जाएगी? माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 40,000 रुपये मंथली से अधिक हो सकती है, इसके अलावा भत्ते, परफॉर्मेंस पे और अन्य सुविधाएं अलग शामिल होंगी।
कर्मचारियों की सैलरी में होगा 25-30% तक इजाफा
टीमलीज डिजिटल की सीईओ नीति शर्मा के अनुसार 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.6 से 2.85 के बीच रहने की संभावना है, जिससे सैलरी में 25-30% तक बढ़ोतरी हो सकती है। इसके साथ ही पेंशन में भी इसी अनुपात में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, यह सिर्फ अनुमान है और अंतिम आंकड़े आयोग की सिफारिशों के बाद ही साफ होंगे। हालांकि, ऐसी उम्मीद है कि न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 40,000 रुपये हो सकती है।
7वां वेतन आयोग में सैलरी में कितनी हुई बढ़ोतरी?
7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये मंथली है, जो भत्तों और अन्य सुविधाओं को मिलाकर 36,020 मंथली तक पहुंच जाती है। 7वें वेतन आयोग में 2.57 का फिटमेंट फैक्टर अपनाया गया था, जिससे वेतन में औसतन 23.55% की बढ़ोतरी हुई थी। इससे पहले, 6वें वेतन आयोग ने 1.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया था। गौरतलब है कि 7वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के दौरान 2016-17 में सरकारी खर्च में ₹1 लाख करोड़ का इजाफा हुआ था।
कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आयोग का गठन समय से पहले किया जा रहा है ताकि इसकी सिफारिशें 7वें वेतन आयोग का समय खत्म होने के बाद इसे लागू किया जा सके। 7वें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था और इसकी सिफारिशें जनवरी 2016 से लागू की गईं। इससे पहले, 6वें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2006 में लागू हुई थीं। सरकार हर 10 साल में एक वेतन आयोग का गठन करती है। 8वें वेतन आयोग के बदलते आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए सरकारी वेतन और पेंशन को कंपिटिटिव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह महंगाई और पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर में मिलने वाले अंतर को दूर करेगा। 8वें वेतन आयोग से न सिर्फ कर्मचारियों की फाइनेंशियल सुरक्षा बढ़ेगी। बल्कि, यह उनकी खरीदने की शक्ति और जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगी।