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आधार-बेस्ड डिजिटल पेमेंट पिछले ढाई साल में घटा है, जानिए क्या है इसकी वजह

बैंक ग्राहकों को बेसिक सुविधाएं देने के लिए एईपीएस का इस्तेमाल करते हैं। इनमें बैलेंस इनक्वायरी, कैश डिपॉजिट, कैश विड्रॉल जैसी सुविधाएं शामिल हैं। ये सुविधाएं बिजनेस कॉरेसपॉन्डेंट (BC) के जरिए दी जाती हैं। आबादी के बड़े हिस्से को बैंकिंग सुविधाओं के दायरे में लाने में एईपीएस की बड़ी भूमिका रही है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 14, 2024 पर 10:12 AM
आधार-बेस्ड डिजिटल पेमेंट पिछले ढाई साल में घटा है, जानिए क्या है इसकी वजह
NPCI ने AePS को डेवलप किया था। एनपीसीआई ही इस सिस्टम को ऑपरेट करती है।

आधार-बेस्ड डिजिटल पेमेंट (एईपीएस) पिछले तीन साल में स्थिर है या इसमें थोड़ी गिरावट आई है। देश की बड़ी आबादी इस पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करती है। अप्रैल 2022 में करीब 27,900 करोड़ रुपये का एईपीएस ट्रांजेक्शन हुआ था। इस साल सितंबर में यह घटकर 23,600 करोड़ रुपये पर आ गया। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के डेटा से यह पता चला है। अप्रैल 2022 में ट्रांजेक्शन की कुल संख्या 20.5 करोड़ थी, जो इस साल सितंबर में घटकर 20.2 करोड़ रुपये पर आ गई।

क्या है आधार बेस्ड डिजिटल पेमेंट?

बैंक ग्राहकों को बेसिक सुविधाएं देने के लिए एईपीएस (AePS) का इस्तेमाल करते हैं। इनमें बैलेंस इनक्वायरी, कैश डिपॉजिट, कैश विड्रॉल जैसी सुविधाएं शामिल हैं। ये सुविधाएं बिजनेस कॉरेसपॉन्डेंट (BC) के जरिए दी जाती हैं। बीसी बैंकों का एजेंट होता है, जिसे बैंक की तरफ से ग्राहकों को बेसिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की इजाजत होती है। आबादी के बड़े हिस्से को बैंकिंग सुविधाओं के दायरे में लाने में एईपीएस की बड़ी भूमिका रही है।

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