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1 अप्रैल से बदल जाएंगे क्रेडिट कार्ड, UPI और टैक्स के नियम; आपकी जेब पर होगा सीधा असर

1 अप्रैल 2025 से Mutual Funds, UPI, Credit Cards, Income Tax और GST से जुड़े नए नियम लागू होंगे। इनका मकसद पारदर्शिता बढ़ाना और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। आइए इन बदलावों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Suneel Kumarअपडेटेड Mar 30, 2025 पर 4:49 PM
1 अप्रैल से बदल जाएंगे क्रेडिट कार्ड, UPI और टैक्स के नियम; आपकी जेब पर होगा सीधा असर
म्यूचुअल फंड, क्रेडिट कार्ड, UPI ट्रांजैक्शन, टैक्स और GST से जुड़े कई नियम बदलने वाले हैं।

New Financial Year Rule Changes: 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष 2025-26 शुरू हो रहा है। इसके साथ ही म्यूचुअल फंड, क्रेडिट कार्ड, UPI ट्रांजैक्शन, टैक्स और GST से जुड़े कई नियम बदलने वाले हैं। इनका मकसद पारदर्शिता बढ़ाना, निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और टैक्स कंप्लायंस को मजबूत करना है। आइए जानते हैं इन प्रमुख बदलावों के बारे में।

म्यूचुअल फंड के लिए नियम सख्त

सेबी (SEBI) के नए नियम के मुताबिक, नए फंड ऑफर (NFOs) के जरिए जुटाए गए फंड को 30 बिजनेस दिनों के अंदर निवेश करना अनिवार्य होगा। अगर कोई एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) इस अवधि में निवेश नहीं कर पाती, तो उसे निवेश समिति (Investment Committee) की मंजूरी से एक बार 30 दिनों का और विस्तार मिल सकता है। अगर 60 दिनों के भीतर भी निवेश नहीं होता, तो AMC को नए निवेश लेने पर रोक लगानी होगी और निवेशकों को बिना किसी पेनल्टी के एग्जिट की अनुमति देनी होगी।

सेबी ने स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स (SIFs) नाम से नई कैटेगरी भी शुरू की है। यह म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) के बीच की एक कैटेगरी होगी। इसमें निवेश के लिए कम से कम ₹10 लाख की जरूरत होगी। इसे सिर्फ वही AMC लॉन्च कर सकती हैं जिनका एवरेज एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) पिछले तीन साल में ₹10,000 करोड़ से अधिक रहा हो।

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