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हाउस प्रॉपर्टी पर टैक्स के नियमों को लेकर कनफ्यूज हैं? जानिए अपने हर सवाल का जवाब

बड़ी संख्या में लोग अपनी हाउस प्रॉपर्टी से कमाई करते हैं। इस पर उन्हें टैक्स चुकाना पड़ता है। हाउस प्रॉपर्टी पर टैक्स के नियमों को लेकर कोई लोगों को कनफ्यूजन रहता है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 22 और 27 का संबंध हाउस प्रॉपर्टी से इनकम पर टैक्स के नियमों से है

MoneyControl Newsअपडेटेड May 18, 2023 पर 1:10 PM
हाउस प्रॉपर्टी पर टैक्स के नियमों को लेकर कनफ्यूज हैं? जानिए अपने हर सवाल का जवाब
सभी तरह की प्रॉपर्टी पर इनकम टैक्स रिटर्न में 'इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी' के तहत टैक्स लगता है।

इंडिया में लाखों लोगों के लिए हाउस प्रॉपर्टी (House Property) इनकम का एक बड़ा स्रोत है। हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्स लगता है। प्रॉपर्टी के लीगल ओनर जिसे पेमेंट मिलता है, उसे टैक्स चुकाना पड़ता है। हाउस प्रॉपर्टी आपका घर, ऑफिस, दुकान या किसी जमीन से जुड़ी जमीन हो सकती है। यह ध्यान में रखने वाली बात है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी और कमर्शियल प्रॉपर्टी में अंतर नहीं करता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या है नियम?

सभी तरह की प्रॉपर्टी पर इनकम टैक्स रिटर्न में 'इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी' के तहत टैक्स लगता है। अगर कोई प्रॉपर्टी बिजनेस या किसी दूसरे पेशे के लिए इस्तेमाल की जाती है तो उस पर 'इनकम फ्रॉम बिजनेस एंड प्रोफेशन' हेड के तहत टैक्स लगता है। हाउस प्रॉपर्टी कैटेगरी के तहत जो प्रॉपर्टी आती है उसकी टैक्सेबल वैल्यू प्रॉपर्टी की एनुअल वैल्यू मानी जाती है।

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