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बैंकिंग सेक्टर की भारत-पाकिस्तान पर निगाहें, बॉर्डर के राज्यों की डिपॉजिट्स में है इतनी तगड़ी हिस्सेदारी

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों में और खटास आ गया है। दोनों ही देशों के बीच लड़ाई का माहौल बना हुआ है और ड्रोन हमलों ने स्टॉक मार्केट को बुरी तरह हिला दिया है। बैंकिंग सेक्टर की बात करें तो भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित राज्यों जम्मू एंड कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और हिमाचल प्रदेश की देश के टोटल बैंक डिपॉजिट्स में 12.81 फीसदी हिस्सेदारी है

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड May 09, 2025 पर 11:29 AM
बैंकिंग सेक्टर की भारत-पाकिस्तान पर निगाहें, बॉर्डर के राज्यों की डिपॉजिट्स में है इतनी तगड़ी हिस्सेदारी
भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन हमलों ने भारतीय स्टॉक मार्केट को बुरी तरह हिला दिया है। बैंकिंग सेक्टर की भी इस पर नजरें है क्योंकि सीमा पर स्थित राज्यों में इसका बड़ा डिपॉजिट बेस है।

भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन हमलों ने भारतीय स्टॉक मार्केट को बुरी तरह हिला दिया है। बैंकिंग सेक्टर की भी इस पर नजरें है क्योंकि सीमा पर स्थित राज्यों में इसका बड़ा डिपॉजिट बेस है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक मार्च 2024 तक के आंकड़ों के हिसाब से भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित राज्यों जम्मू एंड कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और हिमाचल प्रदेश की देश के टोटल बैंक डिपॉजिट्स में 12.81 फीसदी हिस्सेदारी है और यह 26.21 लाख करोड़ रुपये पर है। वहीं एडवांसेज में 13.41 फीसदी हिस्सेदारी है और यह 22.13 लाख करोड़ रुपये पर है।

बॉर्डर के किस राज्य/यूनियन टेरिटरी की बैंक डिपॉजिट्स में कितनी हिस्सेदारी?

सबसे पहले बात करते हैं जम्मू एंड कश्मीर की तो लाइन ऑफ कंट्रोल को मिलाकर इसकी 3323 किमी सीमा पाकिस्तान से मिलती है। जेएंडके के बैकों में 1.49 लाख करोड़ रुपया जमा है जो देश के कुल डिपॉजिट्स में 0.73 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा एडवांसेज 73,879 करोड़ रुपये है जो देश के कुल एडवांसेज का 0.45 फीसदी है। एसबीआई और जम्मू एंड कश्मीर को-ऑपरेटिव बैंक का यहां दबदबा है।

पंजाब की बात करें तो इसकी 547 किमी सीमा पाकिस्तान से लगती है। पंजाब की देश के कुल डिपॉजिट्स में 3 फीसदी (6.14 लाख करोड़ रुपये) और लोन में 3.24 फीसदी (5.35 लाख करोड़ रुपये) हिस्सेदारी है। पंजाब में पीएनबी और पंजाब ग्रामीण बैंक जैसे बड़े और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक गेहूं और चावन के किसानों को लोन बांटते हैं। इसके साथ-साथ लुधियाना और जालंधन की छोटी इंडस्ट्रीज को भी।

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