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Home Loan लेने पर बैंक वसूलते हैं कई तरह के हिडेन चार्ज, जानिए पूरी डिटेल

Home Loan लेने में कई तरह के hidden charges लगे होते हैं। यह अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग होता है। ज्‍यादातर व्‍यक्ति ब्‍याज और प्रोसेसिंग फीस के बारे में ही जांच-पड़ताल करते हैं। उस पर लगने वाले अन्य चार्ज पर ध्यान नहीं देते हैं। ये चार्जेज ग्राहकों की जेब पर भारी पड़ते हैं। लिहाजा ग्राहकों को इन चार्जेज के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है

अपडेटेड Apr 18, 2023 पर 2:46 PM
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हिडेन चार्जेज लोन को काफी मंहगा कर देते हैं। जिससे लोन चुकाने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

Home Loan: इंसान की मूल जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान है। मकान एक ऐसी चीज है। जिसे बनाने में जिंदगी भर की कमाई कम पड़ जाती है। यह एक ऐसा सपनों का घर होता है। जिसे पूरा करने के लिए लोन भी लेना पड़ता है। आमतौर पर होम लोन लेते समय लोग ब्याज दरें और प्रोसेसिंग फीस के बारे में चर्चा करते हैं। बैंक की ओर से लगाने जाने वाले चार्ज के बारे में कोई चर्चा नहीं करते हैं। जब भी आप बैंक से होम लोन लेते हैं तो उसमें कई तरह के हिडेन चार्ज लगे होते हैं। यह जेब पर बहुत भारी पड़ते हैं।

हिडेन चार्जेज हर बैंक में अलग-अलग होते हैं। कुछ चार्ज की राशि फिक्स होती है। जबकि अन्य चार्ज होम लोन राशि के प्रतिशत के रूप में चार्ज किये जाते हैं। इन चार्ज के बारे में जानना बेहद जरूरी है।

लॉग-इन फीस


इसे एप्लीकेशन चार्ज के रूप में भी जाना जाता है। यह लोन एप्लीकेशन का मूल्यांकन करने के लिए बैंक या कंपनी की ओर से लिया जाने वाला एक शुरुआती चार्ज है। इस स्तर पर लोन देने वाला यह आंकलन करता है कि एप्लीकेशन में आगे की प्रक्रिया के लिए जरूरी दस्तावेजों के साथ सभी सटीक जानकारी है या नहीं। यह फीस आमतौर पर 2,500 रुपये से लेकर 6,500 रुपये तक होती है। आपका लोन मंजूर होने पर यह राशि प्रोसेसिंग फीस में से घटा दी जाती है। अगर लोन मंजूर नहीं हुआ तो लॉग-इन फीस वापस नहीं मिलती है।

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कनवर्जन चार्जेज

इसे स्विचिंग चार्जेज भी कहा जाता है। यह तब लागू होता है जब आप अपने फ्लोटिंग-रेट पैकेज को फिक्स्ड-रेट पैकेज या फिर फिक्स्ड-रेट पैकेज को फ्लोटिंग रेट में बदल लिया जाता है। यह आम तौर पर बची हुई लोन राशि के 0.25 फीसदी से 3 फीसदी तक हो सकता है।

प्रीपेमेंट चार्ज

इसे फोरक्लोजर चार्ज और प्रीक्लोजर चार्ज भी कहा जाता है। यह शुल्क तब लागू होता है। जब आप अवधि खत्म होने से पहले अपने होम लोन चुका देते हैं। यह बकाया राशि के 2 फीसदी से 6 फीसदी के बीच होता है।

रिकवरी चार्जेज

यह चार्ज तब वसूला जाता है जब लोन लेने वाला महीने की किश्त नहीं भर पाता है। उसका अकाउंट डिफॉल्ट हो जाता है। बैंक को उसके खिलाफ कोई कार्रवाई करनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में जितना पैसा खर्च होता है। वो ग्राहक से वसूला जाता है।

लीगल फीस

कई दस्तावेजों का वेरिफिकेशन करना होता है। वहीं प्रॉपर्टी का भी मूल्यांकन किया जाता है। बैंक इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लगील एक्सपर्ट को नियुक्त करती है। इस काम के बदले इन्‍हें फीस दी जाती। लिहाजा बैंक होम लोन पर लीगल फीस भी लागू करते हैं।

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