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Business Idea: सरकार से लाइसेंस लेकर शुरू करें पशु चारे का बिजनेस, हर महीने होगी बंपर कमाई

Pashu chara Business Idea: भारत में बड़े पैमाने पर पशुपालन किया जाता है। ऐसे में पशु आहार या कैटल फीड बनाने का बिजनेस फायदे का सौदा साबित हो सकता है। दुधारू पशुओं को पर्याप्त चारा नहीं मिलने के कारण पशु आहार की उपयोगिता और भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में अपने गांव या नजदीकी शहर में पशु आहार यूनिट लगाकर मोटी कमाई कर सकते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड May 06, 2024 पर 6:57 AM
Business Idea: सरकार से लाइसेंस लेकर शुरू करें पशु चारे का बिजनेस, हर महीने होगी बंपर कमाई
Business Idea: पशु चारा बिजनेस शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से सब्सिडी भी मिलती है।

इन दिनों नौकरी के साथ-साथ बिजनेस का भी क्रेज बढ़ा है। ग्रामीण इलाकों में भी किसान अब खेती के साथ ही बिजनेस को तरजीह दे रहे हैं। अगर आप भी गांव या नजदीक शहर में रहकर मोटी कमाई करना चाहते हैं तो हम आपको एक बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। यह पशु चारा बनाने का बिजनेस (Animal’s Feed Making Business) है। इस बिजनेस के जरिए पूरे साल मोटी कमाई कर सकते हैं। इसकी डिमांड हर सीजन में रहती है। इसमें आप मक्के का भूसा, गेहूं की भूसी, अनाज, केक, घास आदि जैसे कृषि अवशेषों का इस्तेमाल करके भी पशु चारा बना सकते हैं। पशुओं के आहार के लिए भी खास तौर से ध्यान देने लगे हैं।

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए लाइसेंस की जरूरत पड़ती है। लाइसेंस के अलावा इस बिजनेस के लिए और भी कई नियम हैं। जिनका पालन करना जरूरी है। पशु चारा बिजनेस दुधारू पशुओं के लिए काफी फायदेमंद होता है।

पशु चारे के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन

पशु चारा बनाने वाले फार्म (Animal Fodder Farm) का नाम चुनकर शॉपिंग एक्ट में रजिस्ट्रेशन (Shopping Act Registration) करवाना होगा। इसके बाद FSSAI से फूड लाइसेंस (FSSAI Food License) लेना पड़ेगा। फिर सरकार को टैक्स देने के लिए GST रजिस्ट्रेशन (GST Registration) भी कराना होगा। इसके अलावा आपको पशुचारा बनाने के लिए कई तरह की मशीनों (Animal Fodder Machines) की जरूरत पड़ेगी। इतना ही नहीं पर्यावरण विभाग (Environment Department) से NOC भी लेना पड़ेगा। पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department License) से भी लाइसेंस लेना होगा। अगर आप पशु चारा बनाने के बिजनेस को अपने ब्रांड के नाम से शुरू करना चाहते हैं तो ट्रेडमार्क (Trademark) भी लेना होगा। ISI मानक के अनुरूप BIS सर्टिफिकेशन (BIS Certification) भी बनाने की जरूरत होगी।

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