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Business Idea: काले गेहूं की खेती से किसान हो जाएंगे मालामाल, जानें क्या है खासियत

Business Idea: काले गेहूं की पैदावार भी साधारण गेहूं के मुकाबले अच्छी होती है। हार्ट अटैक, कैंसर, डायबिटीज, मानसिक तनाव, घुटनों का दर्द, एनीमिया जैसे रोगों में काफी कारगर होता है। यह बाजार में 7,000-8000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिकता है। अक्टूबर-नवंबर महीने में इसकी बुवाई शुरू हो जाती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 26, 2024 पर 6:54 AM
Business Idea: काले गेहूं की खेती से किसान हो जाएंगे मालामाल, जानें क्या है खासियत
Business Idea: काला गेहूं बाजार में साधारण गेहूं के मुकाबले दोगुना से ज्यादा कीमत पर बिकता है।

अगर आप नौकरी छोड़कर खेती करना चाहते हैं, तो आपके सामने बेहतर मौका सामने आया है। हम आपको एक ऐसी खेती के बारे में बता रहे हैं, जो परंपरागत खेती है। इन दिनों काले गेहूं और काले धान की खेती के जरिए बंपर कमाई कर रहे हैं। आज हम काले गेहूं (Black Wheat) की खेती के बारे में चर्चा कर रहे हैं। बाजार में काले गेहूं की कीमत काफी अधिक हैं। साधारण गेहूं के मुकाबले काला गेहूं 4 गुना अधिक रेट में बिकता है। इसकी खेती में ज्यादा खर्चा आता हैं। हालांकि इसकी पैदावार से मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है।

काले गेहूं में कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसमें आयरन की मात्रा काफी अधिक होती है। एनीमिया को मरीजों के लिए यह काफी फायदेमंद होता है। काला गेहूं को कैंसर, ब्लड प्रेशर, मोटापा और शुगर के मरीजों के लिए वरदान माना जाता हैं। इसके आलावा इसे खाने से खून की कमी और आँखों की रोशनी भी तेज होती हैं।

साधारण गेहूं से कितना है अलग?

काले गेहूं की खेती भी रबी मौसम में की जाती है, हालांकि इसकी बुवाई के लिए नवंबर का महीना बेहतर माना जाता है। काले गेहूं के लिए नमी बेहद जरूरी होता है। नवम्बर के बाद काले गेहूं की बुआई करने पर पैदावार में कमी आती है। इसकी भी खेती सामान्य गेहूं के तरीके से ही होती है। काले गेहूं में एन्थोसाइनीन पिगमेंट की मात्रा ज्यादा होती है। इसकी वजह से यह इसके कारण यह काला दिखाई देता है। सफेद गेंहू में एंथोसाइनिन की मात्रा 5 से 15 पीपीएम होती है, जबकि काले गेहूं में इसकी मात्रा 40 से 140 पीपीएम होती है। काले गेंहू में एंथ्रोसाइनीन (एक नेचुरल एंटी ऑक्सीडेंट व एंटीबायोटिक) काफी मात्रा में पाया जाता है , जो हार्ट अटैक, कैंसर, डायबिटीज, मानसिक तनाव, घुटनों का दर्द, एनीमिया जैसे रोगों में काफी कारगर होता है।

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