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Business Idea: कोलार्ड साग की खेती से फौरन हो जाएंगे मालामाल, 100 रुपये में बिकता है एक छोटा सा गुच्छा

Business Idea: अगर आप खेती के जरिए बंपर कमाई करना चाहते हैं तो आपके लिए एक बेहतर बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। कोलार्ड ग्रीन्स (Collard Greens) की खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है। इसकी बुवाई इसी महीने यानी जुलाई में की जाती है। यह एक पौष्टिक पत्तेदार हरी सब्जी है। जिसे हर जगह उगाया जा सकता है। भारत में इसे हका साग के नाम से भी जानते हैं

Jitendra Singhअपडेटेड Aug 06, 2024 पर 6:55 AM
Business Idea: कोलार्ड साग की खेती से फौरन हो जाएंगे मालामाल, 100 रुपये में बिकता है एक छोटा सा गुच्छा
Business Idea: कोलार्ड ग्रीन्स एक तरह का साग यानी पत्तेदार हरी सब्जी है। यह बेहद पौष्टिक मानी जाती है।

आजकल के इस अर्थयुग में अगर आप अपनी कमाई बढ़ाना चाहते हैं तो बिजनेस के जरिए शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आज हम एक बेहतर बिजनेस आइडिया के बारे में चर्चा कर रहे हैं। आप खेती के जरिए भी बंपर कमाई कर सकते हैँ। बशर्ते इसके लिए पारंपरिक खेती छोड़कर नकदी फसलों की ओर रूख करना होगा। ऐसे ही कोलार्ड ग्रीन्स (Collard Greens) की खेती कर सकते हैं। इसकी गिनती नकदी फसलों में होती है। यह हरे पत्तेदार सब्जी होती है। इसकी बुवाई इसी महीने यानी जुलाई महीने में की जाती है। वैसे भी आमतार पर कई सब्जियों की बुवाई जुलाई महीने में ही की जाती है।

यह एक पौष्टिक पत्तेदार हरी सब्जी है, जिसे कई तरह की जलवायु में उगाया जा सकता है। भारत में इसे हका साग के नाम से भी जाना जाता है। यह साग खास तौर पर बरसात के मौसम या ठंडे मौसम में उगाया जाता है। कोलार्ड ग्रींस के पौधे ज्यादा तापमान को सहन नहीं कर पाते हैं। लिहाजा गर्मी के मौसम में इसकी बवाई नहीं की जा सकती है।

जानिए कैसे करें कोलार्ड ग्रीन्स की खेती

कोलार्ड ग्रीन्स की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.0 और 6.8 के बीच होना चाहिए। इसके बीज बोए जाते हैं। बीजों को करीब आधा इंच गहरा और 12 से 18 इंच की दूरी पर रोपना होता है। मिट्टी में नमी बनी रहनी चाहिए। वहां जलभराव नहीं होना चाहिए। इसमें नियमित रूप से सिंचाई की जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही इसमें कीड़े लगने का खतरा ज्यादा रहता है। इससे बचाव करना भी बहुत जरूरी है। जब इस पौधे की पत्तियां बड़ी और गहरे हरे रंग की हो जाए तो इन पत्तियों को तोड़ लें। कोलार्ड ग्रीन्स बुवाई के 5-6 हफ्ते यानी करीब 2 महीने में तैयार हो जाता है। इसकी ताजा पत्तियों की ही इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि कुछ समय के लिए स्टॉक कर सकते हैं।

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