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Kalimullah Khan: यूपी के इस शख्स ने एक ही पेड़ पर उगा दिए 350 किस्म के आम, गजब की है कहानी

Kalimullah Khan: कालीमउल्लाह खान के ग्राफ्टिंग के अनोखे तरीके ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। अपने शोध और वर्षों की कड़ी मेहनत से, उन्होंने एक ऐसा आम का पेड़ बनाया है जिस पर 350 अलग-अलग किस्म के आम लगते हैं

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Jul 08, 2025 पर 3:46 PM
Kalimullah Khan: यूपी के इस शख्स ने एक ही पेड़ पर उगा दिए 350 किस्म के आम, गजब की है कहानी
उन्होंने कहा, लोगों को मेरे बाग में आकर इस पेड़ को देखना चाहिए और आमों की किस्मों को समझना चाहिए, जिनमें से हर एक की अपनी अलग खासियत है

Mango Man of India: कालीमउल्लाह खान सातवीं क्लास में फेल हो गए फिर स्कूल छोड़ दिया और पूरे दिन अपने आम के बाग में घूमते हुए बिताते थे। उनका घर उत्तर प्रदेश के मलीहाबाद में है। 84 साल के कालीमउल्लाह खान आज पद्म श्री से सम्मानित हैं। उन्हें 'इंडिया के मैंगो मैन' के रूप में जाना जाता हैं। उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है और उनका आम का बाग एक 'लिविंग लैब' बन गया है। दरअसल उनका बाग एक ऐसे पेड़ का घर है जिस पर 350 से ज्यादा अलग-अलग किस्म के आम उगते है।

कालीमउल्लाह द बेटर इंडिया को बताते हैं कि, 'आज मेरी उम्र हो गई है, इसलिए शायद ज्यादा बात करने की ताकत नहीं है, लेकिन जितना हो सकेगा, मैं जरूर बताऊंगा। मेरे पेड़ के बारे में बहुत कुछ कहने को है। इसे बहुत प्यार से सींचा गया है और इसमें मेरे पूरे जीवन की यादें बसी हैं।' उन्होंने कहा, 'लोगों को मेरे बाग में आकर इस पेड़ को देखना चाहिए और आमों की किस्मों को समझना चाहिए, जिनमें से हर एक की अपनी अलग खासियत है।'

पहले प्रयास में मिली थी निराशा

उन्होंने बताया कि साल 1957 में लगभग अचानक आए एक विचार से प्रेरित होकर, उन्होंने कुछ ऐसा करने का फैसला किया जिसके बारे में उनके परिवार में किसी ने सोचा भी नहीं था। उन्होंने एक ऐसा पेड़ लगाया जिस पर सात अलग-अलग किस्म के आम उगने थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उस साल भारी बाढ़ में वह पेड़ नष्ट हो गया। इस झटके के बावजूद उन्होंने ग्राफ्टिंग के साथ प्रयोग करना शुरू कर दिया और इस पर गहन शोध किया। 1987 तक उन्होंने 22 एकड़ के विशाल भूखंड पर एक पेड़ पर अलग-अलग आम की किस्मों को ग्राफ्ट करना शुरू कर दिया। यह नवाचार की एक लंबी यात्रा की शुरुआत थी। जैसे-जैसे साल बीतते गए कालीमउल्लाह ने आम के पेड़ को लेकर नए नए प्रयोग करते रहे। उनके अथक जुनून ने कुछ असाधारण कर दिखाया। उनके बाग में एक ऐसा ऐसा पेड़ है जिस पर आज 300 से ज्यादा किस्में हैं, जिनमें से हर एक का स्वाद, रंग और खुशबू अलग है।

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