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Poultry Farming: देसी पोल्ट्री फॉर्म शुरू करने के लिए मिलेगी 50% सब्सिडी, फटाफट ऐसे करें अप्लाई

Poultry Farming: मुर्गी पालन काफी सही सफल बिजनेस हैं। लेकिन कई बार लोग कम जानकारी की वजह से असफल हो जाते हैं। इसलिए मुर्गी पालन का कारोबार करते समय कई बातों को ध्यान रखना चाहिए। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए तमिलनाडु सरकार 50 फीसदी सब्सिडी मुहैया करा रही है। इस योजना में विधवाओं, निराश्रितों, ट्रांसजेंडरों और दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जा रही है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 17, 2024 पर 3:26 PM
Poultry Farming: देसी पोल्ट्री फॉर्म शुरू करने के लिए मिलेगी 50% सब्सिडी, फटाफट ऐसे करें अप्लाई
Poultry Farming: मुर्गी पालन का बिजनेस करने के लिए नजदीकी पशुओं के अस्पताल में जाकर संपर्क कर सकते हैं।

प्रोटीन की बढ़ती खपत के बीच अंडा उत्पादन, पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस करना फायदे का सौदा साबित हो रहा है। तमिलनाडु सरकार मुर्गी पालन के बिजनेस को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पोल्ट्री फॉर्म शुरू करने वालों को 50 फीसदी सब्सिडी मुहैया करा रही है। जिसमें एक यूनिट में 250 मुर्गियां होंगी। बताया जा रहा है कि योजना की कुल लागत का 50 फीसदी राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी। बाकी 50 फीसदी सब्सिडी लाभार्थियों को बैंक या अपने संसाधनों के जरिए दी जाएगी।

गांव में रहने वाले लोगों के लिए मुर्गी पालन एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। पहले के समय में लोगों का मानना होता था कि मुर्गी पालन या खेती-किसानी से अच्छी कमाई नहीं होती है। लेकिन अब मुर्गी पालन के बिजनेस से मोटी कमाई कर सकते हैं। वहीं राज्य में विरुधुनगर जिले के जिला कलेक्टर वी.पी. जयसीलन ने एक बयान में कहा कि साल 2024-25 में विरुधुनगर जिले में तीन से छह लाभार्थियों को इस योजना का फायदा मिलेगा।

पोल्ट्री फार्मिंग के लिए 4 हफ्ते में मिलेंगी 250 मुर्गियों के चूजे

तमिलनाडु सरकार की इस योजना के तहत मुर्गी पालन का बिजनेस शुरू करने वालों को 4 हफ्ते में 250 मुर्गियों के चूजे मिलेंगे। इस योजना के जरिए मुर्गी शेड लगाने के लिए बिजली कनेक्शन होना जरूरी है। इसके लिए 625 वर्गफीट जमीन की जरूरत होती है। योजना के अनुसार पोल्ट्री शेड और अन्य सामान लगाने के लिए 1.58 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। जमीन के सभी दस्तावेज जमा करना होता है। इसके साथ ही जहां भी आप पोल्ट्री फॉर्म बना रहे हैं, उसे आवासीय क्षेत्रों से दूर होना चाहिए। इस योजना में हर जिले से 3 -6 लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। जो भी अप्लाई करना चाहते हैं, उसे गांव का स्थाई निवासी होना चाहिए।

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