UPI और RuPay ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगाने की तैयारी में सरकार, बड़े कारोबारियों को लग सकता है झटका
UPI: केंद्र सरकार UPI ट्रांजैक्शन और RuPay डेबिट कार्ड पर मर्चेंट चार्जेस यानी फीस फिर से लागू करने पर विचार कर रही है। मौजूदा समय में इन पेमेंट मेथड्स पर कोई मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) नहीं लगाया जाता है। इसकी वजह ये है कि इन्हें नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) सुविधाएं मुहैया कराती हैं। हालांकि, छोटे बिजनेस के लिए ट्रांजैक्शन को फ्री रखते हुए बड़े मर्चेंट्स पर फीस लगाने पर चर्चा चल रही है
UPI: फिनटेक कंपनियां MDR को फिर से लागू करने की वकालत कर रही हैं।
केंद्र सरकार UPI को लेकर बड़ी तैयारी में है। सरकार UPI पर MDR चार्ज फिर से लागू करने की तैयारी में है। यह चार्ज सिर्फ UPI पर ही नहीं बल्कि RuPay डेबिट कार्ड पर चार्ज लगाने की तैयारी में है। अगर ऐसा होता है तो डिजिटल पेमेंट प्रभावित हो सकता है। इस चार्ज को साल 2022 में सरकार ने माफ कर दिया था। लेकिन, अब फिनटेक कंपनियों का कहना है कि बड़े व्यापारी इसे वहन करने की क्षमता रखते हैं। लिहाजा ऐसे व्यापारियों पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) चार्ज किया जाना चाहिए।
बता दें कि UPI ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ रहे हैं। लिहाजा सरकार चाहती है कि इसका कुछ खर्च बड़े व्यापारी भी उठाएं। साल 2025-26 के बजट में सरकार ने पेमेंट सब्सिडी घटाकर 3,500 करोड़ से 437 करोड़ रुपये कर दी है। जिससे बैंकों को नुकसान हो रहा है। साल 2022 से पहले, मर्चेंट को कुछ फीस देनी होती थी। जिसे मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) कहा जाता है। बैंक को ये फीस ट्रांजैक्शन करने के बदले दी जाती थी।
बड़े कारोबारियों को लग सकता है झटका
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंकर्स का कहना है कि एक बैंकर ने बताया कि बैंकों ने सरकार को एक प्रस्ताव दिया है। इसमें सुझाव दिया गया है कि MDR उन मर्चेंट्स पर लागू किया जाना चाहिए। जिनका सालाना GST टर्नओवर 40 लाख रुपए से ज्यादा है। सरकार एक टायर्ड प्राइसिंग सिस्टम शुरू करने का भी प्लान बना रही है। इस सिस्टम के तहत बड़े मर्चेंट्स को हायर चार्जेस का पेमेंट करना होगा। वहीं छोटे मर्चेंट्स को कम फीस देना होगा। इंडस्ट्री बैंक्स की तरफ से UPI पेमेंट पर MDR लगाने का प्रस्ताव केंद्रीय सरकार को भेज दिया गया है। अब इस मामले का डिपार्टमेंट विचार कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो MDR की एक बार फिर वापसी हो जाएगी।
जानिए क्या है MDR?
डिजिटल पेमेंट इंडस्ड्रीज में मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) वह होता है, जिसे किसी मर्चेंट या दुकानदार को उस रियल टाइम पेमेंट के लिए चुकाना होता है, जो कस्टमर उसे करते हैं। फिलहाल, UPI और RuPay डेबिट कार्ड पेमेंट पर कोई MDR लागू नहीं है। इन पेमेंट को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के जरिए आसान बनाया जाता है। लेकिन अब सरकार इन ट्रांजैक्शन पर भी मर्चेंट शुल्क लगाने की तैयारी कर रही है।
फरवरी में 1,611 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन हुए
बता दें कि फरवरी 2025 में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए 1611 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए। इस दौरान कुल 21.96 लाख करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई। ट्रांजैक्शन की संख्या में सालाना आधार पर 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।