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क्रेडिट कार्ड से EMI या SIP? फायदे कम, जोखिम ज्यादा... जानें सुरक्षित रास्ते

क्रेडिट कार्ड से EMI या SIP भरना शुरुआत में सुविधाजनक लगता है, लेकिन जरा सी चूक पर भारी ब्याज और क्रेडिट स्कोर पर सीधा असर पड़ सकता है। लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट और लोन की EMI हमेशा बैंक अकाउंट से ऑटो-डेबिट या डायरेक्ट पेमेंट से ही प्लान करें, क्रेडिट कार्ड को सिर्फ शॉर्ट-टर्म, पूरी तरह कंट्रोल्ड खर्चों तक सीमित रखना ही समझदारी है।

Shradha Tulsyanअपडेटेड Dec 12, 2025 पर 3:45 PM
क्रेडिट कार्ड से EMI या SIP? फायदे कम, जोखिम ज्यादा... जानें सुरक्षित रास्ते

आजकल युवा प्रोफेशनल क्रेडिट कार्ड को सिर्फ शॉपिंग तक सीमित नहीं रखते। कई बैंक EMI, SIP, इंश्योरेंस प्रीमियम तक कार्ड से चुकाने की सुविधा देते हैं, जो पहले 50 दिनों का फायदा और रिवॉर्ड पॉइंट्स देता नजर आता है। लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यह उधार लेकर निवेश का जाल है, जहां एक चूक पूरी प्लानिंग उजाड़ सकती है।

आकर्षण क्यों, लेकिन खतरे साफ?

क्रेडिट कार्ड पर EMI या SIP लगाने से कैश फ्लो मैनेज लगता है। रिवॉल्विंग क्रेडिट 36-48% सालाना ब्याज वसूलता है, जो किसी लोन या SIP रिटर्न से कहीं ऊपर है। अगर बिल समय पर न चुकाया तो चक्रवृद्धि ब्याज बम फटता है। बाजार गिरे तो SIP घाटे में, लेकिन कार्ड ब्याज चढ़ता रहेगा। क्रेडिट स्कोर को ECS डिफॉल्ट से ज्यादा नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि इसे व्यवहारिक लापरवाही माना जाता है। SEBI नियम SIP के लिए कार्ड स्वीकार नहीं करते, ताकि उधार का निवेश रोका जाए।

खर्च बढ़ने का जाल और क्रेडिट स्कोर का खतरा

कार्ड लिमिट से खरीदारी का भ्रम पैदा होता है, ट्रैकिंग मुश्किल। बचत अनुशासन टूटता है, उधार पर निवेश की आदत पड़ जाती है। अनपेक्षित आय विलंब से चेन रिएक्शन शुरू एक मिस्ड पेमेंट से स्कोर गिरता है।

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