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इमरजेंसी में ओवरड्राफ्ट या पर्सनल लोन? सही चुनाव कर बचें महंगे ब्याज के जाल से!

Overdraft Vs Personal Loan: इमरजेंसी में ओवरड्राफ्ट (OD) लचीलापन देता है यह आपके बैंक अकाउंट से जुड़ी क्रेडिट लाइन है जहां सिर्फ इस्तेमाल की गई रकम पर ही ब्याज लगता है, कोई फिक्स्ड EMI का बोझ नहीं पड़ता। बड़े और प्लान्ड खर्चों जैसे घर की मरम्मत या शादी के लिए पर्सनल लोन बेहतर विकल्प है, क्योंकि यह एकमुश्त रकम देता है और समय पर EMI चुकाने से क्रेडिट स्कोर मजबूत होता है।

Shradha Tulsyanअपडेटेड Dec 12, 2025 पर 7:33 PM
इमरजेंसी में ओवरड्राफ्ट या पर्सनल लोन? सही चुनाव कर बचें महंगे ब्याज के जाल से!

जब अचानक मेडिकल खर्च, घर की मरम्मत या नौकरी की मार से पैसे की तंगी हो, तो जेब से निकालने का मन न करे। बैंक के दो लोकप्रिय विकल्प ओवरड्राफ्ट (OD) और पर्सनल लोन (PL) तुरंत राहत देते हैं, लेकिन दोनों की अपनी दुनिया है। OD लचीलापन देता है जैसे जेब में हमेशा तैयार रिजर्व, जबकि PL तय प्लानिंग वालों का साथी। गलत चुनाव से ब्याज का बोझ दोगुना हो सकता है, इसलिए अपनी जरूरत समझें।

ओवरड्राफ्ट की ताकत

OD आपके बैंक अकाउंट से जुड़ी क्रेडिट लाइन है 2 लाख की लिमिट हो तो जरूरत भर निकालें, बाकी पर जीरो ब्याज। सिर्फ इस्तेमाल की रकम पर ही दैनिक ब्याज लगता है, कोई फिक्स्ड EMI नहीं। मिसाल के तौर पर, 30 हजार निकाले तो सिर्फ उतने पर ब्याज, बाकी समय जमा कर लें। यह कैश फ्लो मैनेजमेंट या बार-बार छोटे खर्चों के लिए बेस्ट है। कमी? ज्यादा इस्तेमाल से ओवरस्पेंडिंग का खतरा, और ब्याज दरें कभी 15-20% तक।

पर्सनल लोन का फायदा

PL एकमुश्त रकम देता है 3 लाख लिए तो पूरी मिलेगी, EMI में 1-5 साल चुकाएं। ब्याज पूरे अमाउंट पर शुरू से लगता है, लेकिन दरें क्रेडिट स्कोर पर निर्भर (10-18%)। शादी, कार या डेब्ट कंसॉलिडेशन जैसे निश्चित खर्चों के लिए आइडियल, क्योंकि बजटिंग आसान। प्लस पॉइंट: समय पर चुकाने से CIBIL स्कोर चमकता है। नुकसान? EMI का दबाव, चूकने पर पेनल्टी।

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