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Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस में क्रिटिकल इलनेस कवर भी है जरूरी, इलाज के साथ बचाए आपकी जमा-पूंजी

Health Insurance: क्रिटिकल इलनेस कवर हेल्थ इंश्योरेंस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, और किडनी फेलियर का व्यापक कवरेज प्रदान करता है, और एकमुश्त भुगतान से आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह प्लान इलाज और खर्चों में राहत देते हुए, टैक्स में भी लाभ पहुंचाता है।

Edited By: Shradha Tulsyanअपडेटेड Nov 04, 2025 पर 3:38 PM
Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस में क्रिटिकल इलनेस कवर भी है जरूरी, इलाज के साथ बचाए आपकी जमा-पूंजी

आज के जमाने में हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी हो गया है, लेकिन कई बार यह पता चलता है कि सामान्य हेल्थ पॉलिसी गंभीर बीमारियों को कवर नहीं करती। इससे इलाज के लिए जमा की गई पूंजी तेजी से खत्म हो जाती है। इसीलिए क्रिटिकल इलनेस कवर लेना बेहद जरूरी हो जाता है, जो ऐसी बीमारियों की सुरक्षा करता है जो आम पॉलिसी में शामिल नहीं होतीं, जैसे कैंसर, दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेलियर और गंभीर सर्जरी।

क्यों जरूरी है क्रिटिकल इलनेस कवर?

साधारण हेल्थ इंश्योरेंस अस्पताल के बिल तक सीमित होती है, जबकि गंभीर बीमारियों का इलाज लंबा और खर्चीला होता है। क्रिटिकल इलनेस कवर मिलने पर मरीज को एकमुश्त राशि क्लेम के रूप में मिलती है, जो इलाज के अलावा घर चलाने, दवाइयों और अन्य खर्चों में मदद करती है। कई बार बीमारी की वजह से नौकरी जाने पर यह राशि परिवार की आर्थिक मदद भी करती है।

क्रिटिकल इलनेस कवर कैसे काम करता है?

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