Crypto News: देश के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) पर हैकर्स के सबसे बड़े हमले में अब कस्टडी और वॉलेट इंफ्रा प्लेटफॉर्म लिमिनल कस्टडी ने वजीरएक्स पर ही निशाना साधा है। लिमिनल का कहना है कि हैंकिंग के पहले वजीरएक्स के 2.40 लाख वॉलेट्स में सिर्फ कुछ ही वॉलेट्स को इसके इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए मैनेज किया जाता था। इसके अलावा लिमिनल का कहना है कि इसके इंफ्रास्ट्रक्चर की क्षमताओं का एक्सचेंज पूरी तरह इस्तेमाल भी नहीं कर रहा था और अगर ऐसा होता तो इस पर हैकर्स का कब्जा न हो पाता।। वजीरएक्स के पास करीब 1.5 करोड़ निवेशक हैं। 18 जुलाई को एक साइबर हमले में इसके एथेरियम वॉलेट से 23.5 करोड़ डॉलर की चोरी हुई। हैकिंग के चलते एक्सचेंज की करीब 45 फीसदी होल्डिंग हैकर्स के चंगुल में चली गई।
WazirX के आरोपों पर Liminal का पलटवार
14 अगस्त को वाज़ीरएक्स ने हैक के लिए लिमिनल कस्टडी को दोषी ठहराया था और इसके साथ अपना कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म कर दिया। अब लिमिनल ने दावा किया है कि वजीरएक्स यूजर के बचे हुए फंड्स के एक्सेस और मैनेज के लिए अभी भी उसके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा है। हैकिंग के 75 दिनों के बाद भी वजीरएक्स के 17.5 करोड़ डॉलर से अधिक एसेट्स लिमिनल के ही प्लेटफॉर्म पर हैं और 5 करोड़ डॉलर के एसेट्स तो ऐसे वॉलेट्स में हैं जिसका एक्सेस लिमिनट इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए ही है। इसका दावा है कि एक सेल्फ-कस्टडी होल्डर के रूप में वजीरएक्स के फंड का कोई भी लेन-देन लिमिनल नहीं शुरू कर सकता है और इसे सिर्फ वजीरएक्स की टीम ही कर सकती है।
लिमिनल के मुताबिक वजीरएक्स के बीच लिमिनल के सेल्फ-कस्टडी इंफ्रा प्लेटफॉर्म के सॉफ्टवेयर सब्सक्रिप्शन के लिए कॉन्ट्रैक्ट हुआ था। इसके तहत वजीरएक्स को यह कोल्ड और हॉट वॉलेट्स मुहैया कराती थी। क्रिप्टो की भाषा में कोल्ड वॉलेट्स को क्रिप्टो की प्राइवेट कीज को रखने के लिए सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है। इसमें कीज को किसी ऐसे डिवाइस या डिवाइस पर डाल दिया जाता है, जो इंटरनेट से जुड़े नहीं हों। हॉट वॉलेट हमेशा इंटरनेट से जुड़ा रहता है जबकि वार्म वॉलेट हॉट वॉलेट्स की ट्रांजैक्शन स्पीड को कोल्ड वॉलेट्स के समान अतिरिक्त लेवल की एक सिक्योरिटी से जोड़ता है।
लिमिनल ने खुलासा किया कि वजीरएक्स के अधिकतर एड्रेस हॉट वॉलेट के हैं जबकि कुछ ही हैं जो वार्म या कोल्ड वॉलेट हैं जिसे लिमिनल के इंफ्रा पर मैनेज किया जाता है। हैकिंग के बाद भी कुछ महीनों तक इन कुछ वॉलेट्स में करीब 30 करोड़ डॉलर का फंड था। मनीकंट्रोल को सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक कॉन्ट्रैक्ट के तहत क्रिप्टो फंड की सुरक्षा के लिए वजीरएक्स के हर महीने कुछ सौ डॉलर खर्च करती थी जिस पर 30-4 करोड़ डॉलर का खर्च आया।
वजीरएक्स को अभी मिली हुई है मुकदमों से राहत
लिमिनल ने वजीरएक्स पर आरोप ऐसे समय में लगाया है, जब एक क्रिप्टो एक्सचेंज क्वाइनस्विच ने वजीरएक्स पर आरोप लगाया है कि हैंकिंग के बाद वजीरएक्स ने 7.36 करोड़ डॉलर के क्रिप्टो एसेट्स को वैश्विक एक्सचेंजों बायबिट और कुक्वॉइन पर भेज दिए। हाल ही में वजीरएक्स ने सिंगापुर की कोर्ट के आदेश पर करीब 2.40 वॉलेट्स का बैलेंस के साथ खुलासा किया था। प्लेटपफॉर्म पर क्रिप्टो देनदारियों के रीस्ट्रक्चरिंग के लिए इसकी सिंगापुरियन पैरेंट कंपनी जेट्टाई ने सिंगापुर में मोरेटोरियम एप्लीकेशन फाइल किया था और इस महीने की शुरुआत में कोर्ट की मंजूरी भी मिल गई। अदालत ने इसे चार महीने का मोरेटोरियम पीरियड दिया है यानी कि इस दौरान एक्सचेंज के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती है। इसकी भारतीय पैरेंट कंपनी जेमनाई है जो इसके रुपये वाले हिस्से को देखती है जबकि जेट्टाई बिजनेस के क्रिप्टो पार्ट को।