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Diwali gift: टैक्स एक्सपर्ट शरद कोहली से जानें,दिवाली गिफ्ट पर क्या कहते हैं टैक्स के नियम

शरद कोली ने कहा कि गिफ्ट पर टैक्स नियमों की बात करें तो 50,000 तक के गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता। 50,000 से ज्यादा के गिफ्ट पर पूरी रकम पर टैक्स लगता है। रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता। गिफ्ट की कीमत को ITR में जरूर दिखाएं। इनकम टैक्सेबल नहीं है तो एग्जेंप्ट कैटेगरी में दिखाएं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 30, 2024 पर 7:02 PM
Diwali gift: टैक्स एक्सपर्ट शरद कोहली से जानें,दिवाली गिफ्ट पर क्या कहते हैं टैक्स के नियम
कुछ तरह के गिफ्ट्स को इनकम में जोड़कर उनपर टैक्स लगाया जाता है। अगर किसी व्यक्ति को एक वित्तीय साल में 50 हजार रुपये से ज्यादा कीमत के गिफ्ट मिलते हैं, तो वो टैक्सेबल हो जाता है

दीवाली का पर्व आ गया है। इस त्योहार हम अक्सर एक-दूसरे को तोहफे देते हैं। इस त्योहार पर कर्मचारी भी अपनी कंपनी से तोहफे और बोनस पाते है। दिवाली पर अगर आपको महंगे गिफ्ट में मिले हैं तो खुशी में टैक्स की देनदारी को मत भूल जाइएगा। आपको ये जान लेना चाहिए कि तोहफे और बोनस टैक्सेबल हो सकते हैं। इसका मतलब ये है कि देश के इनकम टैक्स कानून के तहत आपको इन पर टैक्स देना पड़ सकता है। यहां हम आपको दिवाली गिफ्ट और बोनस पर लगने वाले टैक्स और इन टैक्स से बचने के तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।

सीएनबीसी-आवाज के लक्ष्मण रॉय ने इस बारे में बात की टैक्स एक्सपर्ट शरद कोहली से और जाना कि आखिर गिफ्ट पर टैक्स के नियम क्या कहते हैं। शरद कोली ने कहा कि गिफ्ट पर टैक्स नियमों की बात करें तो 50,000 तक के गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता। 50,000 से ज्यादा के गिफ्ट पर पूरी रकम पर टैक्स लगता है। रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता। गिफ्ट की कीमत को ITR में जरूर दिखाएं। इनकम टैक्सेबल नहीं है तो एग्जेंप्ट कैटेगरी ( FI) में दिखाएं ।

आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, टैक्स के दायरे में रखे गए एसेट्स में शेयर, ज्वेलरी, सोने-चांदी की वस्तुएं, आर्टवर्क, प्राचीन वस्तुएं और वर्चुअल डिजिटल एसेट्स जैसे क्रिप्टोकरेंसी और NFTs शामिल हैं। अगर इन गिफ्ट्स का बाजार भाव 50,000 रुपये से ज्यादा है तो इन्हें टैक्सेबल माना जाता है। बता दें कि दिवाली गिफ्ट और बोनस पर टैक्स आयकर नियमें के तहत कंपनी से मिलने वाला कोई भी तोहफा या बोनस एक पर्क माना जाता है और आपकी सैलरी का हिस्सा होने की वजह से यह टैक्स के दायरे में आता है। इसलिए बोनस से होने वाली आय पर लगने वाला टैक्स आपके ओवरऑल टैक्स स्लैब के हिसाब से तय होगा। हालांकि, कुछ दिवाली गिफ्ट और बोनस टैक्सेबल नहीं होते हैं।

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