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EPFO पर सिर्फ 8.1 इंटरेस्ट रेट से निराश हैं? जानिए लगातार क्यों ईपीएफ पर घट रहा है ब्याज

EPFO ने जुलाई 2015 में शेयरों में इनवेस्ट करना शुरू किया था। शुरुआत में उसने अपना 5 फीसदी पैसा (Incremental Inflows) तीन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में इनवेस्ट किया। इनमें SBI-ETF Nifty 50, UTI Nifty ETF और UTI Sensex ETF शामिल थे

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 06, 2022 पर 2:46 PM
EPFO पर सिर्फ 8.1 इंटरेस्ट रेट से निराश हैं? जानिए लगातार क्यों ईपीएफ पर घट रहा है ब्याज
30 नवबंर, 2020 को EPFO का कुल फंड 10 लाख करोड़ रुपये का था।

EPFO ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए 8.1 फीसदी इंटरेस्ट रेट का ऐलान किया है। इस फैसले ने प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले करोड़ों लोगों का निराश किया है। उनके रिटायरमेंट फंड का इंटरेस्ट रेट लगातार घट रहा है। फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए इंटरेस्ट रेट 8.5 फीसदी था। सवाल है कि आखिर सरकार EPF पर इंटरेस्ट रेट क्यों घटा रही है?

फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में ईपीएफओ ने इंटरेस्ट रेट के पेमेंट में देरी की थी। इससे ईपीएफओ के 6 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर चिंतित हो गए थे। तब सरकार ने शुरुआत में 8.5 फीसदी इंटरेस्ट रेट का ऐलान किया था। लेकिन, बाद में उसने पाया था कि इतने इंटरेस्ट रेट का पेमेंट करना उसके लिए मुमकिन नहीं है। आखिरकार उसने 31 दिसंबर, 2020 से सब्सक्राइबर के अकाउंट में इंटरेस्ट का पैसा ट्रांसफर कर शुरू किया था। तब EPFO को ETF में अपने 3,000 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट बेचना पड़ा था।

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एक्सपर्ट्स का मानना है कि शेयरों में इनवेस्ट करने का EPFO का फैसला सही है। इससे उसे अपने इनवेस्टमेंट में डायवर्सिफिकेशन लाने और ज्यादा मुनाफा कमाने में मदद मिलती है। लेकिन, ईपीएफओ ने शेयरों में इनवेस्ट करने के लिए जिन फंडों का चुनाव किया है, उस पर सवाल खड़े होते रहे हैं।

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