Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) से जुड़े गलत या अधूरे योगदान के मामलों को सुलझाने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसका मकसद पेंशन रिकॉर्ड को सही करना और कर्मचारियों के पेंशन क्लेम को आसान बनाना है।

Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) से जुड़े गलत या अधूरे योगदान के मामलों को सुलझाने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसका मकसद पेंशन रिकॉर्ड को सही करना और कर्मचारियों के पेंशन क्लेम को आसान बनाना है।
EPFO ने बताया कि कई मामलों में यह देखा गया है कि नियोक्ताओं ने उन कर्मचारियों के लिए EPS का पैसा जमा कर दिया, जो पेंशन के लिए पात्र नहीं थे। वहीं, कुछ मामलों में ऐसे कर्मचारी भी रहे, जो पेंशन के लिए पात्र थे लेकिन उनके लिए EPS का योगदान जमा ही नहीं किया गया। इन गलतियों की वजह से पेंशन से जुड़े दावों की प्रोसेसिंग में लगातार दिक्कतें आ रही थीं।
क्यों जरूरी थी नई व्यवस्था
EPFO के मुताबिक, EPS योगदान में हुई इन गड़बड़ियों की वजह से कर्मचारियों को पेंशन तय कराने, सेवा अवधि जोड़ने और फाइनल सेटलमेंट में परेशानी हो रही थी। अलग-अलग फील्ड ऑफिसों में इन मामलों को अलग तरीके से हैंडल किया जा रहा था, जिससे भ्रम और देरी बढ़ रही थी। इसी को देखते हुए EPFO ने एक समान और साफ प्रक्रिया तय की है।
अयोग्य कर्मचारियों के लिए क्या होगा
जिन मामलों में ऐसे कर्मचारियों के लिए EPS योगदान जमा हो गया है, जो पेंशन के लिए पात्र नहीं हैं, वहां EPFO गलत तरीके से जमा की गई राशि को दोबारा कैलकुलेट करेगा। इसमें EPFO द्वारा घोषित ब्याज भी जोड़ा जाएगा।
गैर-छूट प्राप्त (unexempted) संस्थानों के मामलों में, पूरी रकम पेंशन खाते (Account No. 10) से निकालकर प्रोविडेंट फंड खाते (Account No. 1) में ट्रांसफर की जाएगी। इसके साथ ही, कर्मचारी के रिकॉर्ड से पेंशन सेवा को हटा दिया जाएगा।
छूट प्राप्त (exempted) संस्थानों के मामलों में, EPFO गलत तरीके से जमा की गई रकम को ब्याज सहित Account No. 10 से संबंधित PF ट्रस्ट में ट्रांसफर करेगा और कर्मचारी के खाते से गलत पेंशन सेवा को भी डिलीट किया जाएगा।
पात्र कर्मचारियों पर क्या प्रक्रिया होगी
अगर कोई कर्मचारी EPS के लिए पात्र था लेकिन उसे गलत तरीके से योजना से बाहर रखा गया, तो EPFO अब उस कर्मचारी का पूरा बकाया EPS योगदान ब्याज सहित तय करेगा।
गैर-छूट प्राप्त संस्थानों में यह रकम प्रोविडेंट फंड खाते (Account No. 1) से पेंशन खाते (Account No. 10) में ट्रांसफर की जाएगी। इसके साथ कर्मचारी की पेंशन सेवा अवधि और जहां लागू हो, वहां गैर-अंशदायी अवधि भी उसके रिकॉर्ड में जोड़ी जाएगी।
छूट प्राप्त संस्थानों के मामलों में, संबंधित PF ट्रस्ट बकाया EPS राशि को ब्याज सहित कैलकुलेट कर EPFO के पेंशन खाते में ट्रांसफर करेगा। इसके बाद EPFO कर्मचारी के पेंशन सेवा रिकॉर्ड को अपडेट करेगा।
फंड ट्रांसफर और अकाउंटिंग पर क्या कहा EPFO ने
EPFO ने साफ किया है कि जहां जरूरत होगी, वहां फंड का फिजिकल ट्रांसफर भी किया जाएगा, ताकि अकाउंटिंग पूरी तरह सटीक रहे। संगठन का कहना है कि इन गाइडलाइंस का मकसद कर्मचारियों के पेंशन अधिकारों की सुरक्षा करना और देशभर के सभी फील्ड ऑफिसों में एक जैसी प्रक्रिया लागू करना है।
कर्मचारियों को क्या फायदा होगा
EPFO का मानना है कि इस कदम से भविष्य में EPS योगदान से जुड़ी गड़बड़ियों की वजह से पेंशन लाभ में आने वाली दिक्कतें काफी हद तक खत्म हो जाएंगी। इससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय पेंशन तय कराने में कम परेशानी होगी और उनके रिकॉर्ड ज्यादा साफ और भरोसेमंद रहेंगे।
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