Credit Cards

त्योहारों के सीजन में शॉपिंग में इन 5 बातों का रखें ध्यान, नहीं तो बाद में करेंगे अफसोस

नवरात्र के साथ त्योहारों का सीजन शुरू हो जाएगा। फिर दिवाली आएगी। इस दौरान कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए तरह-तरह के ऑफर पेश करती हैं। उनका मकसद बिक्री बढ़ाना होता है। वे तरह-तरह के डिस्काउंट और ईजी पेमेंट ऑप्शन का ऑफर देती हैं

अपडेटेड Sep 26, 2024 पर 5:18 PM
Story continues below Advertisement
कुछ ई-कॉमर्स कंपनियां पहले प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ा देती हैं। फिर, उन पर ज्यादा डिस्काउंट ऑफर करती हैं।

त्योहारों का सीजन शुरू होने जा रहा है। पहले नवरात्र शुरू होगा। उसके बाद दिवाली आएगी। इस दौरान लोग शॉपिंग करते हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन रिटेलर्स तरह की स्कीम और डिस्काउंट ऑफर पेश करते हैं। कई बार खास स्कीम या ऑफर को देख हम ऐसी खरीदारी कर लेते हैं, जिसकी हमें जरूरत नहीं होती है। ऐसे में जेब से पैसे निकलने या क्रेडिट कार्ड का मोटा बिल आने पर हमें अफसोस होता है। मनीकंट्रोल आपको ऐसे 5 टिप्स बता रहा है, जिनका ध्यान रखने पर आप ज्यादा खरीदारी करने से बच जाएंगे।

फेस्टिव सेल्स ऑफर के झांसे में न आएं

त्योहारों के सीजन में कंपनियां सेल्स बढ़ाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाती हैं। इनमें लिमिटेड टाइम ऑफर, गिफ्ट ऑफर, लिमिटेड स्टॉक सेल्स आदि शामिल होते हैं। ये तरीके ऑफलाइन रिटेलर्स और ई-कॉमर्स दोनों तरह की कंपनियां अपनाती हैं। वैल्यू कर्व फाइनेंशियल सॉल्यूशंस के हर्षिल मोरजरिया ने कहा, "आपको कंपनियों की प्रेशर टैक्टिस से बचने की कोशिश करनी चाहिए। अच्छा होगा कि आप पहले से एक बजट बना लें और फिर उसके मुताबिक ही शॉपिंग करें।"

फॉल्स डिस्काउंट ट्रैप में न फंसें


कुछ ई-कॉमर्स कंपनियां पहले प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ा देती हैं। फिर, उन पर ज्यादा डिस्काउंट ऑफर करती हैं। आप ज्यादा डिस्काउंट के चक्कर में खरीदारी कर लेते हैं। बाद में आपको पता चलता है कि दूसरी जगह उस प्रोडक्ट की कीमत उतनी है या उससे कम है, जो आपने चुकाई है। इसलिए फॉल्स डिस्काउंट ऑफर का इस्तेमाल करने से पहले ठीक तरह से दूसरी जगह कीमत पता कर लें।

डिस्काउंट की जगह क्वालिटी पर फोकस करें

कुछ कंपनियां अपने पुराने स्टॉक्स को त्योहारों के सीजन में खत्म करने के लिए उन पर ज्यादा डिस्काउंट ऑफर करती है। कुछ मामलों में तो यह 70 फीसदी तक पहुंच जाता है। ग्राहक ज्यादा डिस्काउंट का फायदा उठाने के लिए तुंरत उसे खरीदने का फैसला कर लेते हैं। बाद में पता चलता है कि जो मॉडल आपने खरीदा है, वह तो काफी पहले बंद हो चुका है। कई बार ऐसे प्रोक्ट्स की रिपेयरिंग में दिक्कत आती है। उनके पार्ट्स उपलब्ध नहीं होते।

2 खरीदें और 1 मुफ्त पाएं ऑफर से बचें

आपको त्योहारों के दौरान ऐसे कई ऑफर दिख जाएंगे कि आप 2 खरीदें और एक मुफ्त पाएं। कुछ रिटेलर्स कुछ बैंकों के डेबिट या क्रेडिट कार्ड्स पर कैशबैक का ऑफर देते हैं। खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स पर ऐसे ऑफर मिलते हैं। ऐसे ऑफर का मकसद ग्राहक के जेब से पैसे निकलवाना होता है। उदाहरण के लिए ग्राहक ऑफर का फायदा उठाने के लिए एक की जगह दो शर्ट्स खरीदता है। उसे दो के दाम में तीन शर्ट्स मिल जाते हैं। पहला, आपको एक शर्ट खरीदनी थी लेकिन आपने दो खरीद लीं। दूसरा, ग्राहक के पास यह पता करने का जरिया नहीं होता कि ऑफर में जो कीमत आप चुका रहे हैं वह सामान्य कीमत है या उससे ज्यााद है।

यह भी पढ़ें: दिल्ली के द्वारका में लग्जरी फ्लैट्स लेने वाले लोगों के लिए खुशखबरी! DDA ने किया ये ऐलान

छुपी हुई फीस का खास ध्यान रखें

शिपिंग फीस, हैंडलिंग फीस, डिलीवरी चार्ज, कनवेनिएंस फीस, पेमेंट प्रोसेसिंग फीस छुपी हुई फीस के उदाहरण हैं। त्योहारी सीजन में खरीदारी करते वक्त ऐसी छुपी हुई फीस का ध्यान रखना जरूरी है। जल्दबाजी में ग्राहक खरीदारी करते हैं। बाद में उन्हें पता चलता है कि उन्हें कुछ ऐसी फीस चुकानी है, जिसके बारे में उन्हें पहले पता नहीं था।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।