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Gold loan : आपने गोल्ड लोन लिया है? जानिए EMI नहीं चुकाने पर बैंक क्या होगा

गोल्ड लोन कई मायनों में दूसरे लोन के मुकाबले अट्रैक्टिव है। इस लोन का इंटरेस्ट रेट कम है। ज्यादा डॉक्युमेंट्स देने की जरूरत नहीं पड़ती है। पैसा जल्द ग्राहक के बैंक अकाउंट में आ जाता है। लेकिन, दूसरे लोन के मुकाबले इस लोन की अवधि कम होती है। यह अवधि आम तौर पर 6 महीने से 24 महीनों के बीच होती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 01, 2023 पर 5:33 PM
Gold loan : आपने गोल्ड लोन लिया है? जानिए EMI नहीं चुकाने पर बैंक क्या होगा
गोल्ड लोन नहीं चुकाने पर ग्राहक के क्रेडिट स्कोर पर खराब असर पड़ता है। बैंक और गोल्ड लोन कंपनियां ग्राहक के पैसे समय पर नहीं चुकाने पर क्रेडिट ब्यूरो को इस बारे में जानकारी भेजती हैं। इस वजह से क्रेडिट स्कोर पर इसका असर देखने को मिलता है।

पिछले कुछ सालों में गोल्ड लोन (Gold Loan) की लोकप्रियता बढ़ी है। इसकी कई वजहे हैं। इस लोन का इंटरेस्ट रेट कम है। ज्यादा डॉक्युमेंट्स देने की जरूरत नहीं पड़ती है। पैसा जल्द ग्राहक के बैंक अकाउंट में आ जाता है। लेकिन, दूसरे लोन के मुकाबले इस लोन की अवधि कम होती है। यह अवधि आम तौर पर 6 महीने से 24 महीनों के बीच होती है। यह सेक्योर्ड कैटेगरी का लोन है, क्योंकि बैंक या वित्तीय संस्थान आपका सोना गिरवी रखने के बाद आपको लोन देता है। सेक्योर्ड लोन होने की वजह से बैंकों और एनबीएफसी की इस लोन में ज्यादा दिलचस्पी होती है। दूसरी तरह, कम इंटरेस्ट रेट की वजह से ग्राहक को भी यह ठीक लगता है।

लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है?

कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है जब ग्राहक लोन का पैसा नहीं चुका पाता है। ग्राहक के तय अवधि में पैसा नहीं चुकाने पर बैंक या एनबीएफसी सख्त कदम उठाने को मजबूर हो जाती हैं। वे पहले ग्राहक को कई बार रिमाइंडर भेजती हैं। इसके बाद भी ग्राहक के पेमेंट नहीं करने पर उनके पास गिरवी रखे सोने को नीलाम करने का विकल्प होता है। जब ग्राहक गोल्ड लेता है तो बैंक या एनबीएफसी उसके साथ कॉन्ट्रैक्ट करता है। कॉन्ट्रैक्ट की शर्त में लोन का रीपेमेंट नहीं होने पर गिरवी रखे सोने को नीलाम करने का विकल्प शामिल होता है। दरअसल, बैंक या एनबीएफसी सोने को नीलाम कर लोन का अपना पैसा वसूलने की कोशिश करती हैं।

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