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Gold Tax Rules: रिकॉर्ड ऊंची कीमतों को देख गोल्ड बेचना चाहते हैं? पहले टैक्स के नियमों को जान लें

गोल्ड ज्वेलरी बेचने पर होने वाला प्रॉफिट टैक्स के दायरे में आता है। होल्डिंग पीरियड के हिसाब से प्रॉफिट पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के नियम लागू होंगे। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के लिए होल्डिंग पीरियड 2 साल से ज्यादा है, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के लिए 2 साल से कम है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 08, 2025 पर 3:03 PM
Gold Tax Rules: रिकॉर्ड ऊंची कीमतों को देख गोल्ड बेचना चाहते हैं? पहले टैक्स के नियमों को जान लें
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) के टैक्स के नियम अलग हैं। एसजीबी की मैच्योरिटी पर होने वाला प्रॉफिट पूरी तरह से टैक्स फ्री है।

गोल्ड ने 8 अक्टूबर को इतिहास रच दिया। पहली बार यह 4,000 डॉलर प्रति औंस को पार कर गया। इस साल गोल्ड में जैसी तेजी आई है, शायद ही पहले कभी आई होगी। इस तेजी की वजह से कई लोग गोल्ड में कुछ मुनाफावसूली करना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि आगे गोल्ड में गिरावट आ सकती है। अगर आप भी गोल्ड ज्वेलरी, गोल्ड ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड बेचना चाहते हैं तो पहले टैक्स के नियमों को जान लीजिए। टैक्स का असर गोल्ड सहित हर एसेट्स के रिटर्न पर पड़ता है।

गोल्ड ज्वेलरी बेचने से होने वाले प्रॉफिट पर टैक्स

अगर आप Gold Jewellery बेचना चाहते हैं तो उससे होने वाले प्रॉफिट पर आपको टैक्स चुकाना होगा। 2 साल के बाद गोल्ड ज्वेलरी पर बेचने पर हुए प्रॉफिट पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के नियम लागू होंगे। 2 साल से पहले बेचने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के नियम लागू होंगे। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स का रेट 12.5 फीसदी है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस की स्थिति में प्रॉफिट इनवेस्टर की इनकम में जोड़ दिया जाता है। फिर उसके टैक्स स्लैब के हिसाब से उस पर टैक्स लगता है। सरकार ने जुलाई 2024 में पेश यूनियन बजट में कैपिटल गेंस के नियमों में बदलाव किए थे। सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर इंडेक्सेशन बेनेफिट खत्म कर दिया था।

गोल्ड ईटीएफ के प्रॉफिट पर टैक्स के नियम

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