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GST हटने से कितनी सस्ती हो जाएंगी लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ पॉलिसी?

अभी बीमा कंपनियां कई तरह के इनपु्ट्स सर्विसेज पर 8-10 फीसदी ITC क्लेम करती हैं। इससे उनकी कॉस्ट कुछ हद तक घट जाती है। जीएसटी के साथ ITC को हटा लेने से कंपनियों को इनपुट कॉस्ट का पूरा बोझ खुद उठाना होगा। ऐसे में वे पॉलिसी का प्रीमियम तय करने में इस कॉस्ट को शामिल कर सकती हैं

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Sep 04, 2025 पर 5:59 PM
GST हटने से कितनी सस्ती हो जाएंगी लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ पॉलिसी?
सरकार ने ऐसे वक्त लोगों पर प्रीमियम का बोझ घटाया जब हेल्थ इंश्योरेंस लगातार महंगा हो रहा है।

जीएसटी काउंसिल ने इंडिविजुअल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और इंडिविजुअल हेल्थ पॉलिसी पर जीएसटी खत्म करने का फैसला लिया है। यह 22 सितंबर से लागू हो जाएगा। इससे इंश्योरेंस प्रोड्क्टस सस्ते होंगे, जिससे उनमें लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी। इससे आबादी का ज्यादा हिस्सा इंस्योरेंस कवर के तहत आएगा। इंश्योरेंस इंडस्ट्री के एग्जिक्यूटिव्स ने इस कदम का स्वागत किया है।

इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स में आम लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी

बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ तपन सिंघल ने कहा, "GST Council का हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी खत्म करने का फैसला आम लोगों की दिलचस्पी इंश्योरेंस में बढ़ाने के लिहाज से एक बड़ा कदम है। इससे इंश्योरेंस प्रोडेक्ट्स करोड़ों भारतीयों के दायरे में आ जाएंगे।" यह इंश्योरेंस इंडस्ट्री के लिए भी अच्छा है, क्योंकि इंश्योरेंस पॉलिसी की सेल्स बढ़ने से उनका मुनाफा बढ़ेगा।

ऐसे वक्त प्रीमियम में राहत जब इलाज कराना महंगा हो रहा है

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