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US, रूस, चीन, भारत और जापान... क्या सच में एक नया पावर ग्रुप 'C5' बनाना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप?

मैगजीन ने कहा कि लंबे वर्जन की योजना के होने की पुष्टि नहीं की जा सकी, लेकिन इस बारे में डिफेंस वन ने रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी ताकतों का एक नया ग्रुप बनाने का विचार है, जो G7 समूह की तरह न हो, जिसमें केवल संपन्न, अमीर और लोकतांत्रिक देशों को ही जगह मिलती है

Curated By: Shubham Sharmaअपडेटेड Dec 12, 2025 पर 4:18 PM
US, रूस, चीन, भारत और जापान... क्या सच में एक नया पावर ग्रुप 'C5' बनाना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप?
C5 Grouping: क्या सच में एक नया पावर ग्रुप 'C5' बनाना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप?

खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनिया के कुछ सबसे शक्तिशाली देशों को एक साथ लाने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए ट्रंप एक नए 'C5' या 'कोर फाइव' मंच की संभावना तलाश रहे हैं, जो अमेरिका, रूस, चीन, भारत और जापान को एक साथ लाएगा और मौजूदा यूरोप के प्रभुत्व वाले G7 और दूसरे पारंपरिक लोकतंत्र और आर्थिक रूप से मजबूत ग्रुप को दरकिनार कर देगा। हालांकि, इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अमेरिकी पब्लिकेशन पॉलिटिको ने बताया कि नए “हार्ड पावर समूह” का विचार अमेरिकी व्हाइट हाउस की पिछले हफ्ते जारी की गई नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी के एक लंबे, अप्रकाशित संस्करण में सामने आया था।

मैगजीन ने कहा कि लंबे वर्जन की योजना के होने की पुष्टि नहीं की जा सकी, लेकिन इस बारे में डिफेंस वन ने रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी ताकतों का एक नया ग्रुप बनाने का विचार है, जो G7 समूह की तरह न हो, जिसमें केवल संपन्न, अमीर और लोकतांत्रिक देशों को ही जगह मिलती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस रणनीति में “कोर फाइव” या C5 का प्रस्ताव है, जिसमें अमेरिका, चीन, रूस, भारत और जापान शामिल होंगे, इनमें कई ऐसे देश हैं, जिनकी आबादी 100 मिलियन से ज्यादा है।

इस समूह की बैठकें G7 की तरह नियमित रूप से शिखर सम्मेलनों के जरिए होंगी, जिनमें खास मुद्दों पर चर्चा होगी। C5 के प्रस्तावित एजेंडे का पहला मुद्दा है- मध्य पूर्व में सुरक्षा, खासकर इजरायल और सऊदी अरब के बीच संबंधों को सामान्य करना।

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