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Housing Sales: होम लोन सस्ता, फिर भी घर क्यों नहीं खरीद रहे लोग? बड़े शहरों में 27% तक घटी बिक्री

Housing Sales: RBI ने 2025 में रेपो रेट में 100 bps की कटौती की है। इससे होम लोन काफी सस्ता हो गया है। इसके बावजूद देश के बड़े शहरों में हाउसिंग सेल्स में 27% तक की गिरावट दर्ज हुई है। जानिए घरों की बिक्री क्यों कम हो रही है और खरीदार किस वजह से हिचक रहे हैं।

अपडेटेड Jul 16, 2025 पर 3:11 PM
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हैदराबाद और पुणे में हाउसिंग डिमांड में सबसे अधिक गिरावट देखी गई।

Housing Sales: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2025 में अब तक रेपो रेट यानी नीतिगत ब्याज दरों में 100 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती की है। फरवरी और अप्रैल में 25‑25 bps और जून में 50 bps कटौती की गई। इससे रेपो रेट 6% से घटकर 5.5% हो गया है। इस कटौती के बाद ज्यादातर बैंकों ने अपने कर्ज दर देने की दर को सस्ता किया है। खासकर, होम लोन की ब्याज दर को। लेकिन, इसका फायदा घरों की बिक्री में नजर नहीं आ रहा है।

कैलेंडर ईयर 2025 की दूसरी तिमाही (Q2) में देश के प्रमुख रियल एस्टेट बाजारों में हाउसिंग सेल्स में सालाना आधार पर तेज गिरावट दर्ज की गई है। एनारॉक रिसर्च (Anarock Research) की रिपोर्ट के मुताबिक, Q2 2024 की तुलना में इस बार कुल हाउसिंग बिक्री में 20% की गिरावट आई है। चेन्नई इकलौता ऐसा शहर रहा, जहां इस अवधि में बिक्री बढ़ी है।

हैदराबाद और पुणे में सबसे ज्यादा गिरावट


एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद और पुणे में हाउसिंग डिमांड में सबसे अधिक गिरावट देखी गई। यहां बिक्री सालाना आधार पर 27% तक घट गई। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में यह गिरावट 25% रही। वहीं, दिल्ली-एनसीआर और कोलकाता में क्रमशः 14% और 23% की गिरावट दर्ज की गई। बेंगलुरु में बिक्री में 8% की कमी आई।

शहर Q2-2025 (यूनिट्स) Q2-2024 (यूनिट्स) बदलाव
NCR 14,250 16,550 -14%
MMR 31,300 41,500 -25%
बेंगलुरु 15,100 16,350 -8%
पुणे 15,400 21,100 -27%
हैदराबाद 11,050 15,100 -27%
चेन्नई 5,650 5,000 13%
कोलकाता 3,550 4,600 -23%

सोर्स: Anarock Research

क्यों सुस्त पड़ा हाउसिंग बाजार?

रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में घरों के दाम में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली। इससे लोगों की खरीदारी की क्षमता पर असर पड़ा है। ब्याज दरों में अधिक कटौती भी खरीदारों का हौसला नहीं बढ़ा पा रही है। शीर्ष 7 शहरों में औसतन कीमतें 11% तक बढ़ी हैं। वहीं, NCR में सबसे अधिक 27% की बढ़त और बेंगलुरु में 12% की वृद्धि दर्ज की गई। इससे कई संभावित खरीदार कीमतों के दबाव में पीछे हट गए।

इस साल रेपो रेट में बड़ी कटौती के चलते होम लोन की ब्याज दरें कम हुई हैं, लेकिन बाजार में स्पष्ट सुधार नहीं दिखा। रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च कीमतें, वैश्विक अनिश्चितताएं और खरीदारों की सतर्कता ने डिमांड को प्रभावित किया है।

रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए चुनौती

एनारॉक रिसर्च ने अनुमान जताया है कि मौजूदा माहौल डेवलपर्स को लॉन्च और प्राइसिंग स्ट्रैटेजी पर दोबारा विचार करने के लिए मजबूर कर सकता है। कंपनियों को त्योहारी सीजन से पहले नए ऑफर और स्कीम लानी पड़ सकती हैं, ताकि वे मांग को फिर से बढ़ा सकें।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि "बाजार में फिलहाल एक अस्थायी ठहराव है, लेकिन साल की दूसरी छमाही में स्थिति सुधर सकती है।"

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