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सावधान! कहीं आपकी जेब पर भी तो 'डाका' नहीं डाल रहा सोशल मीडिया? एक्सपर्ट से जानिए बचने का तरीका

सोशल मीडिया की दिखावे की दुनिया हमें बेवजह खर्च करने पर मजबूर कर रही है। एक्सपर्ट के मुताबिक, इससे लोगों के बजट और बचत पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। आखिर क्या हैं मनी FOMO' और 'हॉल वीडियो', जो सोशल मीडिया पर इस ट्रेंड को बढ़ा रहे हैं? एक्सपर्ट से जानिए इनसे बचने के आसान तरीके।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Oct 30, 2025 पर 6:49 PM
सावधान! कहीं आपकी जेब पर भी तो 'डाका' नहीं डाल रहा सोशल मीडिया? एक्सपर्ट से जानिए बचने का तरीका
भारत में करीब 69 करोड़ सोशल मीडिया यूजर्स हैं यानी देश की लगभग आधी आबादी।

आज सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते हुए ऐसा लगता है कि बाकी सब लोग शानदार जिंदगी जी रहे हैं। कोई विदेश घूम रहा है, कोई डिजाइनर कपड़े पहन रहा है, तो कोई नए गैजेट खोल रहा है। ऐसे में बहुत से लोग अपने बैंक अकाउंट देखकर बेचैन हो जाते हैं। वे भी खरीदारी के लिए अपना पर्स या क्रेडिट कार्ड टटोलने लगते हैं।

सोशल मीडिया सिर्फ इन तस्वीरों को दिखाता नहीं, बल्कि इन्हें ऐसा बनाता है कि देखने वाला खुद से तुलना करने लगे। पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी plutos ONE के फाउंडर और एमडी रोहित महाजन इसे लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन कहते हैं।

उनके मुताबिक, 'लगातार दिखावे और तुलना की वजह से लोगों में जरूरत और चाहत के बीच की रेखा मिट गई है। हर इन्फ्लुएंसर का वीडियो या लग्जरी सामान दिखाने वाला रील हमें भी वैसा ही चाहने पर मजबूर करता है। जबकि ये ज्यादातर पेड कंटेंट या उधार पर खरीदी गई चीजें होती हैं। ये सिर्फ लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन नहीं, बल्कि डिजिटल पीयर प्रेशर है।'

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