Credit Cards

गोल्ड ज्वेलरी खरीदने जा रहे हैं? जान लीजिए उसकी शुद्धता की जांच कैसे आप करेंगे

आपको यह ध्यान रखने की जरूरत है कि 18 से 22 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल ज्वेलरी बनाने के लिए होता है। 18 कैरेट गोल्ड से बनी ज्वेलरी की कीमत 22 कैरेट गोल्ड से बनी ज्वेलरी के मुकाबले कम होगी। 24 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल ज्वेलरी बनाने के लिए नहीं होता है

अपडेटेड Feb 11, 2023 पर 6:56 PM
Story continues below Advertisement
हॉलमार्किंग का सर्टिफिकेट ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) की तरफ से जारी किया जाता है। यह सरकारी एजेंसी है।

सोना (Gold) खरीदने से पहले उसकी शुद्धता की जांच कर लेना बहुत जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर बाद में आपको नुकसान हो सकता है। अगर आप गोल्ड ज्वेलरी खरीद रहे हैं तो यह और भी जरूरी है। कई बार एक ज्वेलर से खरीदी गई ज्वेलरी को दूसरा ज्वेलर मिलावटी बता देता है। ऐसे में ग्राहक को नुकसान उठाना पड़ता है। आपको यह भी ध्यान में रखने की जरूरत है कि सोने की कीमतों पर उसकी शुद्धता का असर पड़ता है। इसलिए अगर कोई ज्वेलर आपको बाजार मूल्य से कम कीमत बताता है तो आपके लिए सावधान हो जाना जरूरी है।

सोने की शुद्धता कैसे मापी जाती है?

सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है कि सोने की शुद्धता कैरेट (Carat) में मापी जाती है। गोल्ड ज्वेलरी आम तौर पर 18 से 22 कैरेट की होती है। 24 कैरेट सबसे शुद्ध माना जाता है। लेकिन, 24 कैरेटे सोने से ज्लेलरी बनाना मुश्किल होता है। इससे उसके टूटने का डर होता है। ज्वेलरी को मजबूत बनाने के लिए उसमें दूसरे मेटल मिलाए जाते हैं। अगर 18 से 22 कैरेट की शुद्धता के स्तर की बात करें तो 18 कैरेट कम शुद्ध और 22 कैरेट ज्यादा शुद्ध होगा। इसका मतलब है कि 18 कैरेट ज्वेलरी में दूसरे मेटल की मात्रा ज्यादा होगी। 22 कैरेट में दूसरे मेटल की मात्रा कम होगी। इस वजह से 18 कैरेट सोने वाली ज्वेलरी 22 कैरेट सोने वाली ज्वेलरी के मुकाबले सस्ती होगी।

यह भी पढ़ें : पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई से लोगों का सब्र टूटा, गुस्से का इजहार करने सड़कों पर उतरे हजारों लोग


पहले सोने की शुद्धता की जांच के लिए पुराने तरीकों का इस्तेमाल होता था। इसमें केमिकल मेथड और टचस्टोन मेथड शामिल थे। लेकिन, अब इसके लिए आधुनिक तरीके आ गए हैं, जो शुद्धता के बारे में ज्यादा सटीक जानकारी देते हैं। लेकिन, हर समय गोल्ड ज्वेलरी खरीदते समय इस मेथड का इस्तेमाल व्यवहारिक नहीं है। ग्राहकों की इसी दिक्कत को दूर करने के लिए सरकार ने हॉलमार्किंग सिस्टम शुरू किया है। इसे धीरे-धीरे देशभर में लागू किया जा रहा है।

क्या शुद्धता की गांरटी है हॉलमार्क?

हॉलमार्किंग का सर्टिफिकेट ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) की तरफ से जारी किया जाता है। यह सरकारी एजेंसी है। इसलिए इसके सर्टिफिकेट पर आप भरोसा कर सकते हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने जून 2021 में हॉलमार्किंग को अनिवार्य बना दिया। हॉलमार्किंग में ज्वेलरी को छह डिजिट का अल्फान्यूमेरिक कोड दिया जाता है। इसकी जगह हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन का भी इस्तेमाल होता है।

क्या हॉलमार्क के चलते ज्वेलरी की कीमत बढ़ जाती है?

हॉलमार्क का चार्ज ज्यादा नहीं है। यह प्रति ज्वेलरी सिर्फ 35 रुपये है। इस पर जीएसटी लगता है। अच्छी बात यह है कि यह चार्ज ज्वेलरी के वजन के हिसाब से नहीं लगता है। ज्वेलरी भारी हो या हल्की हर Piece का चार्ज एक जैसा होगा। इसलिए हॉलमार्क की वजह से ज्वेलरी की कीमत में मामूली बदलाव आता है।

आपको क्या देखने की जरूरत है?

अगर आप सोने की ज्वेलरी खरीदने जा रहे हैं तो आपको सबसे पहले ज्वेलर को यह बताना होगा कि आप सिर्फ हॉलमार्क ज्वेलरी खरीदना चाहते हैं। उसके बाद ज्वेलरी पसंद आने पर आपको खुद यह जांच कर लेना होगा कि उस पर हॉलमार्क है या नहीं। इसके लिए आपको कुछ चीजें देखनी होगी। सबसे पहले आपको BIS का लोगो देखना होगा। उसके बाद उस पर फ्यूरिटी/फिनेस ग्रेड लिखा होगा। फिर उस पर छह डिजिट का अल्फान्यूमेरिक कोड देखना होगा, जिसे HUID कहा जाता है। अगर ये तीनों चीजें ज्वेलरी में है तो वह हॉलमार्क ज्वेलरी है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।