Personal Loan Foreclosure: आजकल पर्सनल लोन लेना आम बात हो गई है, चाहे पढ़ाई हो, शादी हो, इलाज हो या घर की मरम्मत। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि ब्याज में ज्यादा पैसा न जाए और आपका क्रेडिट स्कोर भी अच्छा रहे, तो लोन को थोड़ा जल्दी निपटाना समझदारी भरा फैसला हो सकता है।
Credgenics के को-फाउंडर और सीईओ ऋषभ गोयल का कहना है, 'अपना पर्सनल लोन समय से पहले चुकाना न सिर्फ वित्तीय रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी बेहद सुकून देने वाला हो सकता है। कर्ज जल्दी चुकाने का फैसला लेना असल में अपने मानसिक फोकस और वित्तीय लचीलापन को वापस पाने जैसा है।'
गोयल के मुताबिक, सिर्फ समय पर EMI भरना काफी नहीं। बोनस या टैक्स रिफंड मिले, तो उससे भी लोन का पेमेंट कर देना चाहिए। या फिर थोड़ी-थोड़ी एक्स्ट्रा EMI भरना भी अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे ब्याज का बोझ और लोन का टाइम काफी कम हो सकता है। और आप जल्दी कर्जमुक्त हो सकते हैं।
आइए जानते हैं पांच आसान तरीके जिनसे आप अपना पर्सनल लोन फटाफट चुका सकते हैं:
1. जब मौका मिले, ज्यादा पेमेंट करें
आप हर महीने जो EMI जाती है, उससे थोड़ा ज्यादा भरने की कोशिश करें। इससे लोन जल्दी खत्म होने का चांस रहता है। इससे आपको कम ब्याज भी देना पड़ेगा। अगर आप अपनी वित्तीय स्थिति बेहतर होने के बाद महीने में दो या चार हजार रुपये एक्स्ट्रा भी भर दिए, तो लंबे टाइम में बहुत बचत होगी।
2. लोन बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प चुनें
अगर आपके पुराने लोन पर ब्याज बहुत ज्यादा लग रहा है, तो आप उसे किसी ऐसे बैंक या फाइनेंस कंपनी में ट्रांसफर करवा सकते हैं जो कम ब्याज ले रही हो। इसके लिए किसी जानकार से सलाह जरूर ले लें। इससे आपकी मंथली EMI भी कम हो जाएगी और टोटल ब्याज भी कम देना पड़ेगा।
3. ज्यादा पैसा आए तो सीधा लोन में डालें
अगर आपको बोनस मिलता है, टैक्स रिफंड आता है या सैलरी बढ़ती है, तो पैसे इधर-उधर खर्च करने की बजाय सीधा अपने लोन के प्रिंसिपल अमाउंट में डाल दीजिए। इससे आपका कर्ज जल्दी उतरेगा और ब्याज भी कम लगेगा।
4. कई कर्ज को एक में मिला लें
अगर आपके कई लोन चल रहे हैं, तो आप उन सबको मिलाकर एक नया लोन ले सकते हैं, जिस पर अक्सर ब्याज दर कम होती है। इससे आपको हर महीने अलग-अलग पेमेंट करने की झंझट भी खत्म हो जाएगी और टोटल ब्याज भी कम लगेगा।
5. बैंक वालों से बात करें
अपने बैंक या जिससे भी लोन लिया है, उनसे खुलकर बात कीजिए। हो सकता है वो आपकी बात सुनकर लोन की शर्तों को थोड़ा आपके हिसाब से कर दें। अगर आपका रिकॉर्ड अच्छा रहा है, तो वो ब्याज दर या EMI को भी थोड़ा एडजस्ट कर सकते हैं।
सरकार की बात करें तो, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भी बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को निर्देश देता रहता है कि लोन के मामले में सब कुछ ठीक-ठाक रहे। जैसे कि RBI की गाइडलाइंस है कि अगर कोई इंडिविजुअल फ्लोटिंग रेट पर लोन लेता है तो उससे फोरक्लोजर चार्ज नहीं लेना चाहिए। इससे सिस्टम में और ज्यादा पारदर्शिता आएगी।