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पति-पत्नी के इस जोड़े ने वर्धा जैसी गर्म जगह पर उगाई स्ट्राबेरी, लाखों की प्राइवेट नौकरी छोड़ आजमाया कृषि में हाथ

वर्धा का एक उच्च शिक्षित किसान दम्पति महाबलेश्वर में घूमने गया। महाबलेश्वर अपनी स्ट्राबेरी के लिए फेमस है। उन्हें वहां स्ट्राबेरी पसंद आई और उन्होंने इसकी जैविक खेती करने का प्लान किया। पति-पत्नी के इस जोड़े ने अपनी लाखों की प्राइवेट नौकरी को छोड़ जैविक खेती की ओर रुख किया

अपडेटेड Dec 11, 2023 पर 1:14 PM
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वर्धा या विदर्भ जैसे गर्म स्थानों में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करने के बारे में किसी ने नहीं सोचा था क्योंकि स्ट्रॉबेरी के लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है।

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Business Idea: वर्धा का एक उच्च शिक्षित किसान दम्पति महाबलेश्वर में घूमने गया। महाबलेश्वर अपनी स्ट्राबेरी के लिए फेमस है। उन्हें वहां स्ट्राबेरी पसंद आई और उन्होंने इसकी जैविक खेती करने का प्लान किया। पति-पत्नी के इस जोड़े ने अपनी लाखों की प्राइवेट नौकरी को छोड़ जैविक खेती की ओर रुख किया। स्ट्रॉबेरी की फसल के बारे में जानकारी महाबलेश्वर से ली और वर्धा जैसी जगहों पर स्ट्रॉबेरी उगाने का फैसला भी किया। उनके लिए चुनौती वर्ध्या का गर्म मौसम था क्योंकि स्ट्राबेरी को ठंडे मौसम की जरूरत होती है। लेकिन पति-पत्नी ने वर्धा की धरती पर लाल धब्बे वाली स्ट्रॉबेरी उगाई और अब ये लाखों रुपये कमा रहे हैं।

गर्म स्थान पर की स्ट्राबेरी की खेती


हिंगनघाट तालुका के कान्होली कात्री के उच्च शिक्षित किसानों का नाम महेश पाटिल और उनकी पत्नी का नाम भारती पाटिल हैं। वर्धा या विदर्भ जैसे गर्म स्थानों में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करने के बारे में किसी ने नहीं सोचा था क्योंकि स्ट्रॉबेरी के लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है। विदर्भवासी आज तक महाबलेश्वर में स्ट्रॉबेरी खाने का आनंद लेते थे, लेकिन इस जोड़े ने वर्धा में स्ट्रॉबेरी उगाई। इस जोड़े ने उन्नत खेती का नमुना पेश किया। ये दोनों प्राइवेट नौकरी करते थे लेकिन कृषि में नए प्रयोग करना उनके दिमाग में था इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़कर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू करने का फैसला किया। अब ये स्ट्रॉबेरी कपल लाखों की कमाई कर रहा है।

शुरुआत में पाटिल के पास थे सिर्फ 10 हजार पौधे

उन्होंने सवा एकड़ जमीन खेती में लगाई और करीब डेढ़ लाख का मुनाफा कमाया। इसके बाद और अधिक आत्मविश्वास के साथ इस साल अगस्त में 5 एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी लगाई। इसकी कुल लागत लगभग 20 लाख है और अब इसकी कटाई और बिक्री की जा रही है और इससे 60 से 65 लाख का उत्पादन होने की उम्मीद है। इससे उन्हें 40 लाख से अधिक का लाभ होने का अनुमान है।

और किसान आ रहे हैं आगे

इसके साथ ही जिले के अन्य किसानों से भी स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए आगे आने की अपील जिला प्रशासन की तरफ से की जा रही है और पाटिल ने पांच एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी लगाई है। वर्धा जिले के कुल आठ किसानों ने 11 एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी लगाई है। इसलिए, महाबलेश्वर की स्ट्रॉबेरी का स्वाद वर्धा की मिट्टी से विदर्भ को अधिक मिठास के साथ चखने को मिलता है।

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