इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 18 जुलाई को आईटीआर-2 की आनलाइन यूटिलिटी जारी कर दी थी। इससे कई टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी गई है। लेकिन, चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि आईटीआर-2 और आईटीआर-3 यूटिलिटीज जारी करने में हुई देर हुई है। इससे इन आईटीआर फॉर्म्स का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए करीब 60 दिन का समय बचा है।
यूटिलिटीज में देरी ने बढ़ाई चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की मुश्किल
इस देरी की वजह से चार्टर्ड अकाउंटेंट का काम थोड़ा मुश्किल हो गया है। अब 30 सितंबर तक उनके पास का बोझ काफी बढ़ जाएगा। Income Tax Return फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई होने पर उन्हें टैक्स से जुड़े दूसरे प्रोसेस की डेडलाइन पूरा करने का पर्याप्त समय मिल जाता था। अब उनका काफी काफी समय इनकम टैक्स से जुड़े प्रोसेस को पूरा करने में लगेगा। पिछले साल की तरह इस साल भी एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में गलती की शिकायतें मिली हैं।
AIS में गलत जानकारी के कई मामलें
निमित कंसल्टेंसी के फाउंडर और चार्डटर्ड अकाउंटेंट नीतेश बुद्धदेव ने कहा, "कुछ मामलों में AIS में गलत ट्रांजेक्शन की शिकायत मिली है। मेरे एक क्लाइंट के मामले में एआईएस में क्रेडिट कार्ड से 83 लाख रुपये का पेमेंट दिखा। यह देखकर क्लाइंट हैरान रह गया। उसके क्रेडिट कार्ड की लिमिट सिर्फ 2.5 लाख रुपये है। अगर वह हर महीने इस लिमिट तक क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो भी यह 83 लाख रुपये के करीब नहीं पहुंचेगा।"
AIS को चेक करने के बाद ही फाइल करें रिटर्न
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि टैक्सपेयर्स को अपने AIS को ठीक से चेक करना जरूरी है। अगर आपको लगता है कि उसमें शामिल हर जानकारी सही है तो ही उस डेटा का इस्तेमाल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में करना ठीक रहेगा। बुद्धदेव ने कहा, "हमारे पास एक ऐसा मामला आया, जिसमें ज्वाइंट ओनर्स ने एक प्रॉपर्टी बेची थी। इस ट्रांजैक्शन की पूरी वैल्यू दोनों के एआईएस में दिख रही थी। हमने अपना फीडबैक फाइल किया, जिसमें यह बताया कि इंफॉर्मेशन आंशिक रूप से सही है और एक ही एंट्री दो जगह हुई है। हालांकि, हमें जो जवाब मिला, उसमें कहा गया था कि सोर्स इंफॉर्मेशन सही है।"
आईटीआर-2 यूटिलिटी पूरी तरह से सही नहीं
यूटिलिटीज जारी करने में देर चिंता की बड़ी वजह है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि 18 जुलाई को जारी की गई आईटीआर-2 यूटिलिटी भी पूरी तरह से सही नहीं है। चार्टर्ड अकाउंटेंट हिमांक सिंगला ने कहा, "हमने देखा है कि जब सेक्शन 87ए के तहत रिबेट क्लेम किया जाता है तो नेट लायबिलिटी की जगह ग्रॉस टैक्स लायबिलिटी पर एजुकेशन सेस का कैलकुलेशन हो रहा है।"
रिटर्न की प्रोसेसिंग इस बार हो रही जल्द
हालांकि, इस बार अच्छी बात यह है कि रिटर्न की प्रोसेसिंग जल्द हो रही है। जिन टैक्सपेयर्स ने ITR-1 और आईटीआर-4 (सुगम) का इस्तेमाल किया है, उनके रिटर्न की प्रोसेसिंग जल्द हुई है और रिफंड भी जल्दी आया है। सिंगला ने कहा, "कई टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने के कुछ दिन के अंदर रिफंड मिल गया है। यह पिछले सालों के मुकाबले बड़ा इम्प्रूवमेंट है। खासकर आईटीआर-1 और आईटीआर-2 के लिए सीपीसी बेंगलुरु का टर्नअराउंट टाइम तारीफ लायक है।"