इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फर्जी डिडक्शन पर सख्ती बढ़ा दी है। वह फर्जी डिडक्शन के मामलों की पहचान करने के लिए डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर रहा है। यह पाया गया है कि फर्जी डिडक्शंस के ज्यादातर मामले एचआरए, हेल्थ इंश्योरेंस और जनरल डोनेशन से जुड़े हैं। फर्जी डिडक्शन क्लेम का मामला साबित होने पर टैक्सपेयर मुश्किल में फंस सकता है। उसे जेल तक की सजा हो सकती है।
