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Income Tax Return: क्या FY25 के लिए एसटीसीजी की स्थिति में सेक्शन 87ए का रिबेट मैनुअली क्लेम किया जा सकता है?

FY25 की इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) यूटिलिटी टैक्सपेयर्स को सेक्शन 111ए के तहत एसटीसीजी पर सेक्शन 87ए का रिबेट क्लेम करने की इजाजत नहीं दे रही। हालांकि, बांबे हाईकोर्ट के निर्देश और इनकम टैक्स एपेलेट ट्राइब्यूनल (ITAT) के फैसले में टैक्सपेयर्स को रिबेट को क्लेम करने की इजाजत दी गई है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Sep 02, 2025 पर 8:46 PM
Income Tax Return: क्या FY25 के लिए एसटीसीजी की स्थिति में सेक्शन 87ए का रिबेट मैनुअली क्लेम किया जा सकता है?
अभी का नियम कहता है कि अगर टैक्सपेयर की टोटल टैक्सेबल इनकम ओल्ड रीजीम के तहत 5 लाख रुपये और नई रीजीम के तहत 7 लाख रुपये तक है तो वह फुल रिबेट का हकदार है।

इनकम टैक्स के सेक्शन 87ए के तहत शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) पर रिबेट को लेकर बहस खत्म नहीं हो रही। इस बहस के केंद्र में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का यूटिलिटी सॉफ्टवेयर और एक ज्यूडिशियल फैसला है। इसके चलते लाखों टैक्सपेयर्स अपने अगले कदम को लेकर उलझन में हैं। आइए इस पूरे मामले के बारे में जानते हैं।

क्या कहता है का नियम?

FY25 की इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) यूटिलिटी टैक्सपेयर्स को सेक्शन 111ए के तहत एसटीसीजी पर सेक्शन 87ए का रिबेट क्लेम करने की इजाजत नहीं दे रही। हालांकि, बांबे हाईकोर्ट के निर्देश और इनकम टैक्स एपेलेट ट्राइब्यूनल (ITAT) के फैसले में टैक्सपेयर्स को इस रिबेट को क्लेम करने की इजाजत दी गई है। अभी का नियम कहता है कि अगर टैक्सपेयर की टोटल टैक्सेबल इनकम ओल्ड रीजीम के तहत 5 लाख रुपये और नई रीजीम के तहत 7 लाख रुपये तक है तो वह फुल रिबेट का हकदार है। लेकिन, जब टैक्सपेयर की इनकम में एसटीसीजी जुड़ जाता है तो सिस्टम इस रिबेट को ब्लॉक कर दे रहा है।

क्या मैनुअली रिबेट क्लेम करना सही है?

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