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Income Tax Return: क्या ITAT के फैसले के बाद शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस की स्थिति में सेक्शन 87ए का रिबेट मिलेगा?

फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए फाइनेंस एक्ट के मुताबिक, अगर किसी टैक्सपेयर्स को स्पेशल रेट वाली इनकम है तो उसे सेक्शन 87ए के तहत नई टैक्स रीजीम में 12 लाख तक की इनकम पर रिबेट नहीं मिलेगा। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस स्पेशल रेट वाली इनकम है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Aug 18, 2025 पर 12:43 PM
Income Tax Return: क्या ITAT के फैसले के बाद शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस की स्थिति में सेक्शन 87ए का रिबेट मिलेगा?
ट्राइब्यूनल ने कहा है कि सेक्शन 87ए के तहत या सेक्शन 111ए के तहत शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस की स्थिति में रिबेट की मनाही FY2025-26 से पहले के फाइनेंशियल ईयर में नहीं है।

एक बार फिर यह चर्चा गर्म है कि अगर स्मॉल टैक्सपेयर्स को स्पेशल रेट वाली इनकम हुई है तो उसे नई रीजीम के तहत सेक्शन 87ए का रिबेट मिलेगा या नहीं। दरअसल, इस बारे में आईटीएटी-अहमदाबाद का एक फैसला आया है। इससे फाइनेंशियल ईयर 2024-25 का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स के लिए इस रिबेट को क्लेम करने का रास्ता खुल गया है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है।

फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का फाइनेंस एक्ट

फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के फाइनेंस एक्ट के मुताबिक, अगर किसी टैक्सपेयर्स को स्पेशल रेट वाली इनकम (Special Rate Income) है तो उसे सेक्शन 87ए के तहत नई टैक्स रीजीम में 12 लाख तक की इनकम पर रिबेट नहीं मिलेगा। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (Short Term Capital Gains) स्पेशल रेट वाली इनकम है। 12 महीने से पहले शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स बेचने पर हुए गेंस को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस कहा जाता है। आईटीएटी का फैसला पिछले वित्त वर्ष से जुड़े मामले में आया है।

अहमदाबाद की टैक्सपेयर ने की अपील

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