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इनकम टैक्स रिव्यू कमेटी टैक्स के नियमों को सिर्फ आसान बनाने के बारे में सुझाव देगी, अगले हफ्ते सौंप सकती है रिपोर्ट

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल जुलाई में पेश यूनियन बजट में कहा था कि सरकार इनकम टैक्स एक्ट को रिव्यू करेगी। सरकार का मानना है कि दशकों पुराने एक्ट में ऐसे कई प्रावधान हैं, जिनकी अब जरूरत नहीं रह गई है। ऐसे प्रावधानों को हटाने से टैक्स के नियम आसान होंगे

अपडेटेड Dec 10, 2024 पर 6:52 PM
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अब तक 8 रिपोर्ट्स सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) को सौंपी जा चुकी हैं।

इनकम टैक्स रिव्यू कमेटी टैक्स रेट्स में बदलाव के बारे में सलाह नहीं देगी। उसका फोकस सिर्फ इनकम टैक्स के जुड़े नियम और कानून को आसान बनाने पर होगा। वह नियमों को यूजर-फ्रेंडली बनाने के बारे में अपने सुझाव देगी। सरकार के एक सीनियर अफसर ने यह जानकारी दी। सरकार ने दशकों पुराने इनकम टैक्स के नियम और कानूनों को आसान बनाने के बारे में सलाह देने के लिए इस कमेटी को बनाया था।

इनकम टैक्स एक्ट के हर चैप्टर की हो रही समीक्षा

इनकम टैक्स रिव्यू कमेटी (Income Tax Review Committee) इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के हर चैप्टर पर 23 रिपोर्ट देगी। अधिकारी ने बताया कि कमेटी सभी रिपोर्ट दिसंबर के मध्य तक सौंप सकती है। उन्होंने कहा, "कमेटी रेट्स में बदलाव के बारे में कोई सुझाव नहीं देगी। कमेटी हर एक्ट को रिव्यू कर रही है, जिसका मकसद उसे आसान और यूजर-फ्रेंडली बनाना है। इससे यह पढ़ने पर आसानी से समझ में आएगा।" पैनल की सब-कमेटी भी रिपोर्ट तैयार करने के लिए लगातार काम कर रही है।


8 रिपोर्ट्स CBDT को सौंपी जा चुकी हैं

अब तक 8 रिपोर्ट्स सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) को सौंपी जा चुकी हैं। यूनियन बजट में आसान आईटी एक्ट पेश किया जा सकता है। सरकार हर साल 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करती है। इसमें टैक्स से जुड़े अहम ऐलान होते हैं। अधिकारी ने कहा, "रिपोर्ट सौंपी जा रही हैं, साथ ही उनपर सीबीडीटी में चर्चा भी चल रही है। रिव्यू का काम पूरा हो जाने पर अंतिम रूप देने के लिए रिपोर्ट्स फाइनेंस मिनिस्ट्री को भेजी जाएगी।"

वित्तमंत्री ने आईटी एक्ट के रिव्यू का ऐलान किया था

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आईटी एक्ट के रिव्यू का ऐलान किया था। इस एक्ट में 298 सेक्शंस हैं। उन्होंने इस साल जुलाई में पेश यूनियन बजट में कहा था कि सरकार इनकम टैक्स एक्ट को रिव्यू करेगी। अधिकारी ने कहा कि इस रिव्यू का मकसद नियम और कानून के उन हिस्सों को हटाना है जो काफी पुराने हो चुकी है और उनकी जरूरत नहीं रह गई है। कई ऐसे प्रावधान हैं, जिनका अब कोई इस्तेमाल नहीं रह या है।

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कमेटी में कई सब-कमेटी और वर्किंग ग्रुप हैं

इस रिव्यू कमेटी की अध्यक्षता इनकम टैक्स के चीफ कमिश्नर वीके गुप्ता कर रहे हैं। इस कमेटी में कई सब-कमेटी और वर्किंग ग्रुप हैं। हर सब-कमेटी का फोकस किसी खास चैप्टर पर है। सब-कमेटी कंप्लायंस, एग्जेम्प्शन के मामलों पर भी विचार कर रही है। हर कमेटी की अध्यक्षता इनकम टैक्स के प्रिंसिपल कमिश्नर कर रहे हैं। ऐसे कुल 80 अधिकारी इसमें व्यस्त हैं। हर सब-कमेटी ने एक ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया है, जिस पर आम लोग अपनी राय दे सकते हैं।

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