विदेश में नौकरी कर चुके और कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ऐसे लोगों को बड़ी राहत दी है। डिपार्टमेंट ने कहा है कि अगर टैक्सपेयर्स विदेश में अपने किसी फाइनेंशियल एसेट्स को डिसक्लोज नहीं करता है, जिसकी वैल्यू 20 लाख रुपये तक है तो उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। नौकरी करने वाले लोगों की पोस्टिंग कई बार विदेश में होती है। वहां उनके बैंक अकाउंट सहित दूसरे तरह के फाइनेंशियल एसेट्स बन जाते हैं। देश लौटने पर इनकम टैक्स रिटर्न में ऐसे एसेट्स को डिसक्लोज करना जरूरी है।
छह महीने से लेकर 7 साल तक की जेल की सजा
अभी फॉरेन एसेट्स डिसक्लोज नहीं करने पर छह महीने से लकर 7 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। हालांकि, इस प्रावधान का शायद ही कभी इस्तेमाल होता है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि कम वैल्यू के एसेट्स को डिसक्लोज नहीं करने पर इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के खिलाफ आम तौर पर बड़ी कार्रवाई नहीं होती है। लेकिन, टैक्सपेयर्स के बीच डर बना रहता है।
एसेट्स की वैल्यू 20 लाख तक तो कानूनी कार्रवाई नहीं
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने कहा है कि अब अगर फॉरेन एसेट्स की वैल्यू 20 लाख रुपये तक है तो डिसक्लोजर नहीं होने के बावजूद टैक्सपेयर्स के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। आईटी सहित कई दूसरे सेक्टर की कंपनियां अपने बिजनेस से जुड़े कामकाज के लिए एंप्लॉयीज की पोस्टिंग विदेश करती रहती हैं। इस दौरान एंप्लॉयीज का फॉरेन बैंक अकाउंट्स ओपन होते हैं। उन्हें ईसॉप्स मिलता है और पेंशन अकाउंट्स भी ओपन होते हैं। कई बार फॉरेन बैंक अकाउंट में बैलेंस रहता है। इसके बारे में इनकम टैक्स रिटर्न में बताना जरूरी है।
यूनियन बजट 2024 में राहत का ऐलान
वित्त वर्ष 2023-24 तक आईटीआर में फॉरेन एसेट्स की जानकारी नहीं देने या गलत जानकारी देने पर ब्लैक मनी एंड इंपोजिशन ऑफ टैक्स एक्ट के तहत 10 लाख रुपये तक की पेनाल्टी का प्रावधान था। इसके अलावा टैक्सपेयर्स के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती थी। लेकिन, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 में पेश यूनियन बजट में इस बारे में टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया था। इसके बाद फाइनेंशियल ईयर 2024-25 से 20 लाख रुपये तक की वैल्यू वाले फॉरेन एसेट्स को डिसक्लोज नहीं करने पर 10 लाख रुपये की पेनाल्टी नहीं लगती है।
विदेश में पोस्टिंग वाले लोगों को मिलेगी राहत
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सीबीडीटी के हालिया नोटिफिकेशन से ऐसे टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिल गई है, जो जानकारी नहीं होने की वजह से या भूल से फॉरेन एसेट्स के बारे में डिसक्लोज नहीं कर पाते हैं। अब ऐसे लोग अपने फॉरेन बैंक अकाउंट में बगैर किसी चिंता के कुछ बैलेंस रख सकते हैं। उन पर न तो पेनाल्टी लगेगी और न ही उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी।