इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज की खबर ने बैंक के ग्राहकों को भी परेशान किया है। बैंक ने 10 मार्च को इस लैप्सेज के बारे स्टॉक एक्सचेंजों को बताया। 11 मार्च को बैंक के स्टॉक्स 27 फीसदी टूट गए। यह बताता है कि लैप्सेज की खबर ने निवेशकों को बेचैन किया है। घबराहट में निवेशकों ने 11 मार्च को बड़ी बिकवाली की, जिससे शेयर क्रैश कर गए। यह खबर तब आई जब आरबीआई ने बैंक के सीईओ सुमंत कठपालिया को 3 साल का एक्सटेंशन देने से इनकार कर दिया। केंद्रीय बैंक ने कठपालिया को सिर्फ एक साल का एक्सटेंशन दिया है। सवाल है कि क्या इंडसइंड बैंक के ग्राहकों को अपने पैसे की चिंता करनी चाहिए?