गुजरात के बॉर्डर पर 1980 के दशक में कई बार ब्लैकआउट देखने को मिलता था। चार दशक बाद फिर से ब्लैकआउट की चर्चा सुनने को मिल रही है। पाकिस्तान के साथ टकराव गंभीर रूप लेता दिख रहा है। इसका इकोनॉमी पर पड़ा असर पड़ना तय है। कई कंपनियों का रेवेन्यू घट जाएगा और प्रॉफिट कम हो जाएगा। सप्लाई चेन बाधित हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय एयर स्पेस बंद होने से विदेशी व्यापार में भी कमी आ सकती है। इसका असर विदेशी निवेश पर भी पड़ेगा।
