Fixed Deposit पर ब्याज दर हुई 8% से ज्यादा, इस वजह से कई साल बाद पॉजिटिव हुई डिपॉजिट प्राइसिंग

Fixed Deposit Rates :  पंजाब एंड सिंध बैंक की अगुआई में सरकारी बैंक सालाना 8-8.5 फीसदी ब्याज तक की पेशकश कर रहे हैं। फंडिंग की कमी के चलते बैंक 200 से 800 दिनों के टेन्योर के लिए महंगाई को पीछे छोड़ने वाले डिपॉजिट रेट्स की पेशकश करने को मजबूर हो गए हैं, क्योंकि इस वित्त वर्ष के दौरान डिपॉजिट्स की तुलना में क्रेडिट ग्रोथ खासी ज्यादा रही है

अपडेटेड Feb 28, 2023 पर 9:40 AM
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Fixed Deposit Rates : नई डिपॉजिट प्राइसिंग के मुताबिक, 200 दिन से 800 दिन की अवधि के लिए पब्लिक सेक्टर के बैंक के किसी भी डिपॉजिटर को औसतन 7 से 7.25 फीसदी तक ब्याज का भरोसा मिलता है

Fixed Deposit Rates :  बैंकों के लिए इन दिनों जहां कस्टमर्स से सस्ते डिपॉजिट हासिल करना मुश्किल हो रहा है, वहीं वे अब फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर महंगाई को पीछे छोड़ने वाली ब्याज दरों की पेशकश करने को मजबूर हो रहे हैं। पंजाब एंड सिंध बैंक (Punjab & Sind Bank) की अगुआई में सरकारी बैंक सालाना 8-8.5 फीसदी तक की पेशकश कर रहे हैं। फंडिंग की कमी के चलते बैंक 200 से 800 दिनों के टेन्योर के लिए महंगाई को पीछे छोड़ने वाले डिपॉजिट रेट्स की पेशकश करने को मजबूर हो गए हैं, क्योंकि इस वित्त वर्ष के दौरान डिपॉजिट्स की तुलना में क्रेडिट ग्रोथ (credit growth) खासी ज्यादा रही है।

7 फीसदी ब्याज पर भी प्राइसिंग पॉजिटिव

7 फीसदी की कम ब्याज दर के बावजूद फिक्स्ड डिपॉजिट प्राइसिंग कस्टमर्स के लिए पॉजिटिव है। वहीं, जनवरी में खुदरा महंगाई 6.52 फीसदी तक बढ़ने के बावजूद वास्तविक दरें पॉजिटिव रही हैं।


2022 के 10 महीनों में महंगाई 6 फीसदी से ज्यादा रहने के कारण रिजर्व बैंक (Reserve Bank) की तरफ से दरों में लगातार छह बढ़ोतरी के चलते रेपो रेट 250 बीपीएस बढ़कर 6.50 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई हैं।

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क्रेडिट ग्रोथ से बढ़ा दबाव

13 जनवरी, 2023 को समाप्त पखवाड़े के दौरान क्रेडिट ग्रोथ में 16.5 फीसदी बढ़ोतरी रही, जबकि डिपॉजिट ग्रोथ 10.6 फीसदी रही। वास्तव में, पूरे साल के दौरान डिपॉजिट ग्रोथ मध्यम इकाई अंक में रही है और दिसंबर के बाद डिपॉजिट रेट्स में बढ़ोतरी के चलते हाल में बढ़ोतरी होनी है।

दूसरी वजहों से भी रेट्स बेहतर हैं, क्योंकि पोस्ट ऑफिस के एक साल के डिपॉजिट पर दर 6.6 फीसदी और दो साल के लिए 6.8 फीसदी बनी हुई है। वहीं 10 साल की सरकारी सिक्योरिटीज (government securities) पर यील्ड महज 7.35 फीसदी है।

क्यों पैदा हुई फंडिंग की कमी

दरअसल, बैंकों ने बीते साल मई से अभी तक रेपो रेट में बढ़ोतरी का पूरा बोझ अपने बॉरोअर्स पर डाल दिया है, लेकिन वे डिपॉजिट के मामले में ऐसा नहीं कर सके हैं। इसके चलते फंडिंग की कमी की स्थिति पैदा हो गई है और उन्हें बाजार से उधार लेने को मजबूर होना पड़ रहा है।

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नई डिपॉजिट प्राइसिंग के मुताबिक, 200 दिन से 800 दिन की अवधि के लिए पब्लिक सेक्टर के बैंक के किसी भी डिपॉजिटर को औसतन 7 से 7.25 फीसदी तक ब्याज का भरोसा मिलता है।

कौन दे रहा सबसे ज्यादा ब्याज

देश का सबसे बड़ा लेंडर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) 400 दिनों के लिए आम पब्लिक को 7.10 फीसदी और सीनियर सिटीजंस को 7.60 फीसदी की ब्याज की पेशकश कर रहा है।

Punjab & Sind Bank 221 दिन के बकेट में रिटेल डिपॉजिटर्स को 8 फीसदी और सीनियर सिटीजंस को 8.50 फीसदी ब्याज की पेशकश कर रहा है।

वहीं, सेंट्रल बैंक 444 दिन के लिए सीनियर सिटीजंस को 7.85 फीसदी और रिटेल कस्टमर्स को 7.35 फीसदी ब्याज दे रहा है। वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 800 दिन के डिपॉजिट पर रिटेल कस्टमर्स को 7.30 फीसदी और सीनियर सिटीजंस को 7.80 फीसदी ब्याज की पेशकश कर रहा है।

Moneycontrol News

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First Published: Feb 28, 2023 9:40 AM

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