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GIFT CITY उम्मीद की किरण, टैक्स सिस्टम में मिल रहा फायदा, ग्लोबल इंवेस्टमेंट के लिए खुला रास्ता: अजय गर्ग

GIFT IFSC में फॉरन इंवेस्टर्स और NRIs को जीएसटी, एसटीटी, सीटीटी, स्टांप ड्यूटी और इनकम टैक्स से छूट सहित कई फाइनेंशियल बेनिफिट्स मिलते हैं यह सूटेबल टैक्स रिजीम, बिजनेस करने में आसानी (इंडियन पैन कार्ड की जरूरत के बिना) के साथ मिलकर, गिफ्ट सिटी को टैक्स हेवन के रूप में दर्शाती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 22, 2024 पर 7:18 PM
GIFT CITY उम्मीद की किरण, टैक्स सिस्टम में मिल रहा फायदा, ग्लोबल इंवेस्टमेंट के लिए खुला रास्ता: अजय गर्ग
GIFT IFSC में फॉरन इंवेस्टर्स और NRIs को जीएसटी, एसटीटी, सीटीटी, स्टांप ड्यूटी और इनकम टैक्स से छूट सहित कई फाइनेंशियल बेनिफिट्स मिलते हैं।

GIFT CITY: गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी को गिफ्ट सिटी (GIFT CITY) के नाम से भी जाना जाता है। ये गिफ्ट सिटी भारत के गुजरात में अहमदाबाद जिले में स्थित एक सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक है। यह भारत का पहला ऑपरेशनल ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी और इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर है, जिसे गुजरात सरकार ने ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के रूप में प्रमोट किया है। 2020 में GIFT IFSC ने फाइनेंशियल इंडस्ट्री में 10वीं रैंक और ग्लोबल फाइनेंशियल सेंटर इंडेक्स में उभरते फाइनेंशियल सेंटर में टॉप रैंक हासिल की थी। जून 2023 में इसे एचएसबीसी, जेपी मॉर्गन और बार्कलेज जैसी 23 से अधिक मल्टी नेशनल कंपनियों ने अपना गढ़ बनाया। इसके अलावा, यहां 35 फिनटेक एन्टिटीज, 30.6 बिलियन डॉलर की एवरेज डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले दो इंटरनेशनल स्टॉक एक्सचेंज, साथ ही 75 ज्वैलर्स के साथ भारत का पहला इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज भी शामिल है।

आर्थिक प्रोग्रेस

गिफ्ट सिटी के बारे में SMC ग्लोबल सिक्योरिटीज के CEO अजय गर्ग का कहना है कि गिफ्ट सिटी एक उम्मीद की किरण है, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि कैसे भारत अपनी इकॉनोमिक प्रोग्रेस और ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर कॉम्पटीशन करने के लिए डेडिकेशन के साथ तैयार है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विजनरी लीडरशिप में, गिफ्ट सिटी भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने के लिए तैयार है। यह एक महत्वपूर्ण आधारशिला की तरह है जो देश को आर्थिक रूप से और भी अधिक स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करेगा। अब गिफ्ट निफ्टी के रूप में ट्रेड किए जा रहे एसजीएक्स निफ्टी (SGX Nifty) जैसे क्रिटिकल फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को दोबारा कंट्रोल करके इंडिया, ग्लोबल प्राइस डिस्कवरी मैकेनिज्म में अपनी अथॉरिटी क्लेम कर सकता है, जो फाइनेंशियल मार्केट की डायनामिक्स में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है।

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