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बिहार सरकार 'सनातन धर्म' का करेगी प्रचार-प्रसार, 'सत्यनारायण कथा' और 'भगवती पूजा' के लिए सभी जिलों में नियुक्त होंगे संयोजक

Bihar News: बिहार सरकार ने राज्य भर के रजिस्टर्ड मंदिरों और मठों के साथ समन्वय कर 'सनातन धर्म' के प्रचार-प्रसार के लिए सभी जिलों में संयोजकों को नियुक्त करने का निर्णय लिया है। प्रत्येक जिले में एक संयोजक के चयन की प्रक्रिया एक-दो दिन में शुरू हो जाएगी। संयोजकों का चयन केवल महंतों (मुख्य पुजारियों) में से ही किया जाएगा

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Nov 23, 2025 पर 10:05 PM
बिहार सरकार 'सनातन धर्म' का करेगी प्रचार-प्रसार, 'सत्यनारायण कथा' और 'भगवती पूजा' के लिए सभी जिलों में नियुक्त होंगे संयोजक
Bihar News: बिहार की नई NDA सरकार 'सनातन धर्म' का प्रचार-प्रसार कराएगी

Bihar News: बिहार सरकार की रजिस्टर्ड मंदिरों और मठों की गतिविधियों की निगरानी करने वाली एक परिषद ने राज्य भर में 'सनातन धर्म' के प्रचार-प्रसार के लिए सभी जिलों में संयोजकों को नियुक्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद (BSRTC) की तरफ से 38 संयोजकों को नामित किया जाएगा। ये अपने-अपने क्षेत्रों में सभी रजिस्टर्ड मंदिरों और मठों के मुख्य पुजारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करेंगे। परिषद में कुल 2,499 मंदिर और मठ रजिस्टर्ड हैं।

परिषद के अध्यक्ष रणबीर नंदन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, "परिषद ने राज्य भर के रजिस्टर्ड मंदिरों और मठों के साथ समन्वय कर 'सनातन धर्म' के प्रचार-प्रसार के लिए सभी जिलों में संयोजकों को नामित करने का निर्णय लिया है।" उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में एक संयोजक के चयन की प्रक्रिया एक-दो दिन में शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि संयोजकों का चयन केवल महंतों (मुख्य पुजारियों) में से ही किया जाएगा।

बिहार सरकार के विधि विभाग के अंतर्गत आने वाली यह परिषद राज्य में रजिस्टर्ड मंदिरों, मठों और न्यासों की संपत्ति का रिकॉर्ड रखती है। साथ ही उनकी गतिविधियों की निगरानी भी करती है। उन्होंने कहा, "संयोजक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके संबंधित जिलों के सभी रजिस्टर्ड मंदिर एवं मठ हर महीने क्रमश: पूर्णिमा और अमावस्या के दिन 'सत्यनारायण कथा' और 'भगवती पूजा' करें। वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी रजिस्टर्ड मंदिर और मठ इन दोनों पूजाओं के महत्व के बारे में जनता के बीच संदेश फैलाएं।"

नंदन ने कहा कि लोगों को हर महीने अपने घरों में ये पूजाएं करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, संयोजक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी रजिस्टर्ड धार्मिक स्थल 'अखाड़ों' के लिए संस्कृति का अभ्यास करने के लिए एक समर्पित स्थान बनाएं। परिषद के अध्यक्ष ने कहा, "हमारा मानना ​​है कि मंदिरों एवं मठों को सामाजिक गतिविधियां और सामाजिक सुधार के उपाय भी करने चाहिए। हमारे त्योहारों, विभिन्न पूजा, मूल्यों और सनातन धर्म के महत्व को प्रचारित करने की आवश्यकता है।"

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